हत्यारे आशिक को दोहरे आजीवन कारावास की सजा

हत्यारे आशिक को दोहरे आजीवन कारावास की सजा

सीधी–(विजय सिंह)–तथाकथित प्रेमिका, कन्या महाविद्यालय रीवा में अध्ययनरत छात्रा संजू सिंह गोंड को खचाखच भरी बस से उतरकर चाकू से गोद कर हत्या के आरोपी शिब्बू परिहार को जिला न्यायालय के विशेष न्यायाधीश ए.के.पालीवाल ने धारा 302 का आरोप प्रमाणित होने पर आजीवन कारावास एवं एक हजार रुपए का अर्थदण्ड,धारा3(2) (भी) अनुसूचितजाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम का अपराध साबित होने पर आजीवन कारावास व एक हजार रुपए के अर्थ दण्ड से दण्डित किया गया है| तीनों धाराओं मे लगाये गये जुर्माना की राशि अदा नही करने पर हर धारा में एक-एक मांह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतने का फैसला सुनाया गया है|

विशेष लोक अभियोजक सुखेन्द्र द्विवेदी ने बताया की यह घटना दो साल पूर्व 28 अक्टूवर 2016 को कुसमी थाना के गोतरा गांव के अष्टभुजी चौराहा के पास रात साढे सात बजे घटित हुई थी|आरोपी संजू को मारने के उपरांत फरार हो गया था, उसे सात दिन के कड़े मसक्कत के बाद जंगल से पकड़ा गया था|

पुलिस विवेचना में यह तथ्य प्रकाश में आया कि आरोपी शिब्बू सिंह परिहार मृतका संजू सिंह गोंड़ से एक तरफा प्यार करने लगा था| इसकी जानकारी मृतका को हुई तो उसने आरोपी को फटकार लगाने के बाद बात नही किया| मृतका धनतेरस के दिन रीवा से अपने गृह गांव जा रही थी तभी आरोपी को छात्रा के गृह ग्राम बड़वाही(कुसमी) जाने के लिये सीधी से महाबली बस में सवार होने की जानकारी मिली| आरोपी भी भदौरा में पीछे से बस में सवार हो गया| गोतरा अष्टभुजी चौराहे में सवारी उतारने बस रुकी तोआरोपी पीछे से आगे आ गया| हाँथ में चाकू लिये व पेट्रोल से भरी बोतल से पेट्रोल छिड़क कर उसने आग लगाने की धमकी देते हुये सभी सवारियों को नीचे उतार दिया| तत्पश्चात संजू गोंड को नीचे उतार कर चाकुओं से गोद कर मौत की नींद सुला दिया था। परिचालक अशोक कुमार गुप्ता तथा यात्री कृष्ण कुमार गुप्ता के प्रतिरोध करने पर उन्हें चाकू से घायल कर दिया था|

कुसमी थाना पुलिस ने पोस्ट मार्टम के आधार पर आरोपी के खिलाफ धारा 302 के अलावा 324 ,3(2) (भी), अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के साथ धारा 25आर्म एक्ट का अपराध दर्ज कर आरोपी की तलास मे जंगल पहुंच गई, जहां आरोपी एक पुराने घर में घुसकर बैठा हुआ था|जिसे 3 नबम्बर 16 को गिरफतार कर प्रकरण को सुनवाई के लिये न्यायालय मे पेश किया गया|

मामले की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश ए.के.पालीवाल ने आरोपी के द्वारा दी गई सभी दलीलों को खारिच कर बस के परिचालक व सवारी पर किये गये चाकू से हमले व संजू की हत्या के लिये दोषी मानते हुए आरोपी शिब्बू सिंह परिहार को धारा 324 (दोशीर्ष) में प्रत्येक आहत के सम्बंध मे एक-एक हजार रुपए का अर्थदण्ड,धारा 302 का आरोप साबित होने पर आजीवन कारावास एवं एक हजार रुपये का अर्थ दण्ड,धारा 3(2) (भी) अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम का अपराध सावित होने पर आजीवन कारावास व एक हजार रुपए के अर्थ दण्ड से दण्डित किया गया है|

तीनों धाराओं मे लगाये गये जुमार्ना की राशि अदा नही करने पर हर धारा मे एक-एक माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगताने का फैसला सुनाया गया है|भा.द.सं. की धारा 506 भाग 2 के आरोप मे तीन बर्ष के सश्रम कारावास से दण्डित किया गया है|आजीवन कारावास की की दोनों सजाए साथ -साथ चलाने व अन्य सजाओं को जेल के नियमानुसार भुगतायें जाने का फैसला विद्वान न्यायाधीश द्वारा सुनाया गया है।

विजय सिंह
19, अर्जुन नगर सीधी

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