• January 3, 2016

‘स्वयं प्रमाणिकरण योजना’ : लोगों के सुझाव लेने के लिए सार्वजनिक

‘स्वयं प्रमाणिकरण योजना’ : लोगों के सुझाव लेने के लिए सार्वजनिक
100 श्रमिकों तक की इकाई या फैक्टरी के लिए 10 हजार रुपए की राशि, 
100 से 500 श्रमिकों वाली फैक्टरी के लिए 40 हजार रुपए
500 से अधिक श्रमिकों वाली फैक्टरी के लिए एक लाख रुपए की सुरक्षा राशि 

चंडीगढ़ -हरियाणा में नियोक्ता और श्रमिकों के बीच मैत्रीपूर्ण संपर्क, सुरक्षित एवं दोस्ताना औद्योगिक वातावरण और नियोक्ता, उद्यमियों एवं श्रमिकों के हितों को प्रभावी रूप से सुरक्षित रखने के लिए राज्य सरकार ‘स्वयं प्रमाणिकरण योजना’ को जल्द ही लाने जा रही है।

यह प्रस्तावित योजना हितधारकों एवं लोगों के सुझाव लेने के लिए सार्वजनिक की जा चुकी है और उसके बाद इसका क्रियान्वयन किया जाएगा। इस संबंध में आज यहां जानकारी देते हुए हरियाणा के श्रम एवं रोजगार मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि प्रस्तावित ‘स्वयं प्रमाणिकरण योजना’ का उद्देशय विभिन्न श्रम कानूनों के प्रावधानों के अंतर्गत श्रमिकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा और कल्याण के क्रियान्वयन के साथ बिना समझौता किए ऐसी इकाइयों में सरकारी अधिकारियों के अनावश्यक निरीक्षण में कटौती होगी।factory-labour-11

इस योजना का उदेश्य यह भी है जिसमें सभी लागू कानूनों के पालन के साथ-साथ नियोक्ता या उद्यमी को सचेत, ईमानदार और कानूनों का पालन करने वाला नागरिक भी बनाना है। कैप्टन अभिमन्यु ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत पांच प्रतिशत तक की ईकाइयों, फैक्टरियों या संस्थानों को श्रम कानूनों के क्रियान्वयन हेतु रेंडम चैक किया जाएगा।

एक बार किसी इकाई, फैक्टरी या संस्थान का निरीक्षण कर लिया जाता है तो उसका अगले पांच वर्षों तक कोई निरीक्षण नहीं होगा यदि नियोक्ता, उद्यमी या ठेकेदार के विरूद्ध नियम व शर्तें तथा कानूनों का उल्लंघन करने की सूचना न हो। इसके अलावा, विशेष शिकायत, दुर्घटना या खतरनाक हादसों के लिए जांच करवाई जाएगी परंतु केवल श्रम आयुक्त एवं चीफ इंस्पैक्टर फैक्टरीज, हरियाणा द्वारा प्राधिकृत करने के बाद ही यह जांच होगी।

उन्होंने कहा कि जो फैक्टरी मालिक यह योजना नहीं अपनाएंगें, उनकी फैक्टरियों की जांच व निरीक्षण विभागीय निरीक्षण नीति के अनुसार ही होगा। यह प्रस्तावित योजना वैकल्पिक होगी और कोई भी नियोक्ता या उद्यमी इसे चुन सकता है। इसके अलावा, इस योजना के लिए केवल फैक्टरीज अधिनियम, 1948 के अंतर्गत लिए गए लाईसेंस की फैक्टरियां ही पात्र होगी और बडी जोखिमभरी इकाईयां इस योजना में कवर नहीं की जाएगी।

यह प्रस्तावित योजना जो अपनाएगा उसे निर्धारित फार्म पर श्रम आयुक्त एवं मुख्य कारखाना निरीक्षक, हरियाणा के कार्यालय में आवेदन करना होगा। आवेदन में किसी भी प्रकार के विसंगति के लिए आवेदन प्राप्त होने के 15 दिनों के भीतर आवेदनकर्ता को सूचित किया जाएगा। यदि किसी भी प्रकार की विसंगति के लिए संपर्क नहीं किया जाता है तो आवेदनकर्ता स्वंय प्रमाणीकरण योजना में नामांकित माना जाएगा।

नियोक्ता या उद्यमी द्वारा इस प्रस्तावित योजना को अपनाने के बाद पांच साल तक मान्य माना जाएगा। कैप्टन अभिमन्यु ने बताया कि पांच साल के लिए स्वयं प्रमाणीकरण योजना के तहत सफल अनुपालन के पश्चात नियोक्ता या उद्यमी को इस योजना से बाहर निकलने का भी विकल्प होगा।

जो नियोक्ता या उद्यमी इस योजना को अपनाएगा उसे नामांकित श्रमिकों की संख्या के अनुसार ही सुरक्षा राशि जमा करवानी होगी। मंत्री ने बताया कि इस प्रस्तावित योजना की शुरूआत पर 100 श्रमिकों तक की इकाई या फैक्टरी के लिए 10 हजार रुपए की राशि, 100 से 500 श्रमिकों वाली फैक्टरी के लिए 40 हजार रुपए और 500 से अधिक श्रमिकों वाली फैक्टरी के लिए एक लाख रुपए की सुरक्षा राशि जमा करवानी होगी।

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