स्मार्ट शिमला

स्मार्ट शिमला

शिमला —————भारत सरकार के केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने आज देश के 28 अन्य शहरों के साथ शिमला को ‘स्मार्ट सिटी’ की सूची में शामिल किया है। इसकी घोषणा आज नई दिल्ली में शहरी परिवर्तन पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में ‘स्मार्ट सिटी मिशन’ की तीसरी व अंतिम सूची में की गई।

मुख्यमंत्री श्री वीरभद्र सिंह ने शिमला के नागरिकों को राजधानी को स्मार्ट सिटी में शामिल होने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह खुशी का क्षण है और स्मार्ट सिटी का टैग शिमला के लोगों के बेहतर मानकीकरण और विकास में मदद करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस बारे 31 मार्च, 2017 को भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय को प्रस्ताव प्रस्तुत किया था। स्मार्ट सिटी परियोजना से शहर में जलापूर्ति, मल निकासी, जल निकासी व्यवस्था, शहरी परिवहन, ई. गवर्नेंस, निर्माण क्षमता तथा संस्थागत सुदृढ़ीकरण जैसी बेहतर बुनियादी सुविधाएं मुहैया करवाने में मदद मिलेगी।

श्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि शहरी विकास मंत्रालय को भेजे गए प्रस्ताव में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था का बेहतर प्रबंधन व पार्किंग प्रावधानों के अलावा पैदल यात्रियों के लिये सुविधाओं को सम्मिलित किया गया है। इसके अतिरिक्त, बरसाती पानी तथा जल-स्त्रोतों, वन क्षेत्र में वर्षा जल संग्रहण टैंक, क्षेत्रीय अस्पताल के पुनरूद्धार, आग व अन्य खतरों को कम करने के उपायों का प्रबंधन अब कुशलतापूर्वक पूरा किया जा सकता है, क्योंकि प्रस्ताव में इन सभी बिंदुओं का उल्लेख किया गया है। उन्होंने कहा कि इको-टूरिज्म, साहसिक खेल गतिविधियों, परिवहन के वैकल्पिक साधनों को विकसित करने को अतिरिक्त प्राथमिकता प्रदान की जाएगी।

उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी वर्तमान में झुग्गियों में रहने वाले लगभग 800 परिवारों को कानूनी पुनर्वास उपलब्ध करवाएगी।

शहरी विकास मंत्री श्री सुधीर शर्मा ने कहा कि शिमला के लिये 2906 करोड़ रुपये का स्मार्ट सिटी प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने कहा कि इस राशि में लोअर बाजार, सब्जी मण्डी, गंज और कृष्णानगर के पुनः विकास के लिये 1252 करोड़ रुपये, सर्कुलर रोड की रेट्रो फिटिंग व शहर के तीन ट्रांजिट कॉरीडोर के लिये 1280 करोड़ रूपये, शहर में यातायात प्रबंधन तथा नागरिक सुरक्षा योजना के लिये 197 करोड़ रुपये के प्रस्ताव शामिल हैं।

शिमला शहर के लोगों की सुविधा के लिये ठोस व तरल कचरा प्रबंधन, भवन सुरक्षा, आपदा निवारण तथा खुले व मनोरंजक स्थलों के विकास को भी तवज्जो प्रदान की गई है।

उन्होंने कहा कि शिमला के नागरिकों के 57 प्रतिशत सुझावों को शामिल करने के अलावा प्रस्ताव पर वार्ड बैठकों में भी विचार विमर्श किया गया, जिसे नगर निगम शिमला ने मंजूरी दी।

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