सार्वजनिक वितरण प्रणाली के राशन की गुणवत्ता से कोई समझौता नहींः— किशन कपूर

सार्वजनिक वितरण प्रणाली के राशन की गुणवत्ता से कोई समझौता नहींः—  किशन कपूर

शिमला -(हिमाचलप्रदेश)—– खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री श्री किशन कपूर ने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत राज्य के उपभोक्ताओं को प्रदान किए जा रहे राशन में कोई खामियां नहीं होनी चाहिए और हर हाल में राशन की गुणवत्ता को सुनिश्चित बनाना होगा।

उन्होंने कहा कि अधिकारी फील्ड में जाकर उचित मूल्यों की दूकानों का नियमित निरीक्षण करें और आटा, दाल, चावल व अन्य खाद्यान्न के जगह-जगह से सैंपल लेकर तुरंत इनकी रिपोर्टिंग सुनिश्चित बनाएं। वह आज यहां विभागीय अधिकारियों के साथ सार्वजनिक वितरण प्रणाली की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सस्ते राशन पर 220 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी प्रदान कर रही है और उपभोक्ताओं को सुचारु रूप से गुणवत्तायुक्त राशन आपूर्ति सुनिश्चित बनाना अधिकारियों की जिम्मेवारी है। उन्होंने कहा कि खरीद के लिये राशन के जो सैंपल स्वीकृत किए जाते हैं, उनके अनुरूप ही राशन की आपूर्ति होनी चाहिए।

सैंपलों की रिपोर्ट शीघ्र प्राप्त करने की आवश्यकता है, बेशक इसके लिये पड़ौसी राज्यों की प्रयोगशालाओं में जाना पड़े। उन्होंने कहा कि भरे गए सैंपलों की लीकेज के मामले दुर्भाग्यपूर्ण है और इसकी निगरानी उच्च स्तर पर की जानी चाहिए और इसकी गोपनीयता को बनाए रखना आवश्यक है।

बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में कुल 4924 उचित मूल्यों की दुकानों के माध्यम से लगभग 18 लाख राशनकार्ड धारकों को सस्ता राशन उपलब्ध करवाया जा रहा है। 4904 दूकानों में पीओएस मशीनें लगाई जा चुकी हैं और शेष में जल्द ही स्थापित कर दी जाएगी।

राज्य में ई.पीडीएस प्रणाली पर कार्य किया जा रहा है और इसके पूरी तरह से आरंभ हो जाने पर दाने-दाने का हिसाब प्राप्त होगा और 100 फीसदी पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। इसके लिये आधार लिंकेज का कार्य प्रगति पर है।

श्री कपूर ने अगले 100 दिनों में शत-प्रतिशत राशन कार्डों को आधार से जोड़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं के लिये 1967 टॉल-फ्री नम्बर स्थापित किया गया है और इस पर आई शिकायतों का तुरंत निपटारा किया जाता है।

उन्होंने कहा कि विभाग को पेपरलैस बनाया जाएगा और इस कार्य को अगले तीन-चार महीनों में पूरा करने के उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए। विभाग ने अगले 10 माह के लिये भी रोडमैप तैयार कर लिया है और विभाग की कार्य-प्रणाली में अनेक बदलाव नजर आएंगे। उन्होंने पंचायत व खण्ड स्तर पर उपभोक्ता जागरूकता शिविरों का आयोजन करने को कहा।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री ने उचित मूल्यों की दूकानों में कम दामों पर अच्छी किस्म के दैनिक जीवन में उपयोग होने वाले अन्य उत्पाद बेचने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि इससे उपभोक्ताओं को सुविधा के साथ मौद्रिक लाभ भी होगा।

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार का लक्ष्य निःस्वार्थ व निष्पक्ष सेवा तथा भ्रष्टाचारमुक्त शासन है और सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को जनमानस के कल्याण व राज्य के विकास के लिये इसी उद्देश्य को लेकर कार्य करना होगा।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने लक्ष्यों को पूरा करने के लिये 100 दिनों का लक्ष्य निर्धारित किया है और विभाग मुख्यमंत्री की नवीन सोच को आगे बढ़ाने की दिशा में मेहनत व लग्न के साथ कार्य करें।

इसके पश्चात उन्होंने हि.प्र. राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के काम-काज की भी समीक्षा की। उन्होंने राज्य में खाद्यान्न भण्डारणों के निर्माण का मामला केन्द्र सरकार को भेजने को कहा।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार इसके लिये धनराशि उपलब्ध करवाएगी और वह स्वयं इस संबंध में केन्द्रीय मंत्री से बात करेंगे। उन्हें अवगत करवाया गया कि राज्य में 22500 मीट्रिक टन अन्न भण्डारण की क्षमता है, जबकि आवश्यकता इससे कहीं अधिक है। हालांकि 10 करोड़ रुपये की राशि भण्डारणों के निर्माण के लिये उपलब्ध है।

उन्हें जानकारी दी गई कि निगम का कारोबार 1500 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है और इसमें वृद्धि की काफी संभावनाएं मौजूद हैं। राज्य में 117 थोक बिक्री गोदाम हैं, 71 उचित मूल्य की दूकानें, 29 दवाईयों की दूकानें, 54 एलपीजी वितरण केन्द्र तथा चार पैट्रोल पंप कार्यरत हैं।

प्रधान सचिव श्री ओंकार शर्मा, नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध निदेशक डा. आर.एन. बत्ता, निदेशक खाद्य, नागरिक आपूर्ति श्री विवेक भाटिया तथा विभाग व निगम के अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।

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