• February 23, 2018

समय पर ऋण जमा कराने वाले किसानों को भी मिलेगा कर्जमाफी का लाभ – सहकारिता मंत्री

समय पर ऋण जमा कराने वाले किसानों को भी मिलेगा कर्जमाफी का लाभ – सहकारिता मंत्री

जयपुर ——– सहकारिता मंत्री श्री अजय सिंह किलक ने राज्य विधानसभा में स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री श्रीमती वंसुधरा राजे की बजट घोषणा में की गई कर्जमाफी से राज्य के उन अच्छे किसानों को भी फायदा मिलेगा, जिन्होंने समय पर अपना अल्पकालीन फसली ऋण जमा करवाया है।

श्री किलक सदन में अपना वक्तव्य दे रहे थे, उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब समय पर ऋण जमा कराने वाले किसानों को भी कर्जमाफी के दायरे में लाभ दिया है जबकि यूपीए सरकार के समय कर्जमाफी से केवल डिफॉल्टर श्रेणी के किसानों को ही फायदा मिला था। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी तरह किसानों के प्रति संवेदनशील है और मुख्यमंत्री श्रीमती वंसुधरा राजे ने साहसिक एवं ऎतिहासिक कदम उठाया है और इससे किसानों को सही रूप में लाभ मिलेगा।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि केन्द्रीय सहकारी बैंको से जुडे़ जिन किसानों ने दो या तीन वर्ष पूर्व अल्पकालीन ऋण लिया था, और जो 30 सितम्बर, 2017 तक ऑवरडयू श्रेणी में आ गया था, उसका ब्याज एवं शास्तियां माफ होगी एवं उस ऋण को ऑउटस्टेडिंग श्रेणी लाकर कर्जमाफी का लाभ दिया जावेगा। उन्होंने बताया कि जिन किसानों का अल्पकालीन फसली ऋण 30 सितम्बर, 2017 तक ऑउटस्टेडिंग में है उनको भी 50 हजार रूपये तक की कर्ज माफी मिलेगी।

अन्तर्विभागीय समिति पहली बैठक 28 फरवरी को
श्री किलक ने बताया कि बजट भाषण में राजस्थान राज्य कृषक ऋण राहत आयोग के गठन की घोषणा की थी और इसके क्रम में एक उच्च स्तरीय अन्तर्विभागीय समिति का गठन गृह मंत्री श्री गुलाबचन्द कटारिया की अध्यक्षता में कर दिया गया है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि यह समिति राजस्थान राज्य कृषक ऋण राहत आयोग के दायरे में आने वाले कृषकों की श्रेणियों का वर्गीकरण या निर्धारण, प्रदान की जाने वाली राहत की सीमा, प्रकार एवं प्रक्रिया का निर्धारण और अगर गैर सहकारी बैंक अथवा अन्य बैंकों को आयोग के दायरे में शामिल किया जाना है तो उनको शामिल किये जाने की शर्तो का निर्धारण करेगी। इसके अलावा अन्य बिन्दु अध्यक्ष की अनुमति से लिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि समिति की पहली बैठक 28 फरवरी को आयोजित की जाएगी।

उन्होंने बताया कि कर्जमाफी की घोषणा से सीकर जिले के एक लाख 7 हजार 452 किसानों को 465.5 करोड़ रुपये, बांसवाडा जिले के 1 लाख 5 हजार 683 किसानों को 264.4 करोड़ रुपये, भीलवाड़ा जिले के एक लाख 6 हजार 71 किसानों को 340.6 करोड़ रूपये, चित्तोडगढ़ जिले के 88 हजार 97 किसानों को 341.30 करोड़ रूपये, चूरू जिले के 78 हजार 284 किसानों को 185.6 करोड़ रुपये, दौसा जिले के 92 हजार 856 किसानों को 272.40 करोड़ रूपये, जयपुर जिले के 96 हजार 136 किसानों को 264.80 करोड़ रुपये, बीकानेर जिले के 13 हजार 567 किसानों को 56.86 करोड़ रूपये, झून्झूनूं जिले के एक लाख 18 हजार 541 किसानों को 492.50 करोड़ रुपये एवं जोधपुर जिले के 1 लाख 34 हजार 915 किसानों को 544.20 करोड़ रुपये के कर्ज माफ होंगे।

सहकारिता मंत्री ने बताया कि यूपीए के समय हुई कर्ज से सीकर जिले के 7 हजार 188 किसानों के 15.58 करोड़ रुपये, बांसवाडा जिले के 23 हजार 288 किसानों को 25.84 करोड़ रुपये, भीलवाड़ा जिले के 20 हजार 942 किसानों को 24.40 करोड़ रुपये, चित्तोडगढ़ जिले के 23 हजार 578 किसानों को 24.27 करोड़ रुपये, चूरू जिले के 5 हजार 643 किसानों को 4.74 करोड़ रुपये, दौसा जिले के 9 हजार 444 किसानों के 18.74 करोड़ रूपये, जयपुर जिले के 10 हजार 311 किसानों के 13.76 करोड़ रुपये, बीकानेर जिले के 2 हजार 01 किसानों के 2.12 करोड़ रुपये, झून्झूनूं जिले के 2 हजार 525 किसानों को 3.70 करोड़ रुपये एवं जोधपुर जिले के 5 हजार 27 किसानों को 544.20 करोड़ रुपये के अल्पमात्र में कर्ज माफ हुए थे।

श्री किलक ने सदन में वर्तमान सरकार एवं गत सरकार द्वारा दिये गये अल्पकालीन फसली ऋण का जिले वार ब्यौरा भी पर््रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार के जो कार्य धरातल पर थे, उन्हें हमने हिमालय तक उंचाईयां दी है। उन्होंने कहा कि हमने पूर्ववर्ती सरकार से बहुत ज्यादा मात्र में किसानों को ऋण वितरित किया है, उसे आने वाले समय में और अधिक मात्र में बढ़ाया जावेगा।

उन्होंने कहा कि अब तक 61 हजार 500 करोड़ रुपये से अधिक का अल्पकालीन ऋण किसानों को वितरित कर चुके है और इसे 80 हजार करोड़ रुपये के आकड़े तक ले जायेंगे। जबकि गत सरकार ने अपने पांच वर्ष के कार्यकाल में 25 हजार करोड़ रुपये से कम का अल्पकालीन ऋण किसानों को वितरित किया था।

उन्होंने सदन को बताया कि वर्तमान सरकार ने 6 हजार 504 करोड़ रुपये मूल्य की 21.09 लाख मैट्रिक टन जिन्सों की खरीद की है। जबकि गत सरकार द्वारा अपने 5 वर्ष के कार्यकाल में 1 हजार 180 करोड़ रुपये मूल्य की मात्र 7.82 लाख मैट्रिक टन जिन्सों की खरीद की थी। उन्होंने बताया कि कर्ज माफी की जो घोषणा इस सरकार ने की है, वह पहले कभी भी किसी सरकार ने नहीं की है।

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