• January 7, 2018

संत समागम–चित्तौड़ दुर्ग और विजय स्तम्भ का संरक्षण होगा- मुख्यमंत्री

संत समागम–चित्तौड़ दुर्ग और विजय स्तम्भ का  संरक्षण  होगा- मुख्यमंत्री

जयपुर————– मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने कहा कि राज्य सरकार चित्तौड़गढ़ के विश्व प्रसिद्ध किले तथा विजय स्तम्भ के संरक्षण का काम करेगी।
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उन्होंने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के सहयोग से विजय स्तम्भ के संरक्षण का काम हाथ में लिया जाएगा। इसके साथ ही यहां आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए चित्तौड़गढ़ किले में 12 किलोमीटर के रिंग रोड़ की चौड़ाई बढ़ाने और इस पर डामरीकरण का काम शुरू कर दिया गया है।

श्रीमती राजे रविवार को चित्तौड़गढ़ में संत समागम एवं आशीर्वाद समारोह के अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि 6 करोड़ की लागत से गंभीरी नदी पर बनने वाले हाई लेवल ब्रिज से यहां यातायात सुगम हो सकेगा और लोगों को राहत मिलेगी।

उन्होंने कहा कि जिले के प्रमुख धार्मिक स्थल मातृकुन्डिया में साढ़े 4 करोड़ रुपये के विकास कार्य होंगे। इसी महीने में इस काम के टेण्डर कर दिए जाएंगे और फरवरी माह से काम शुरू भी कर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर की द्रव्यवती नदी के सौन्दर्यकरण की तर्ज पर चित्तौड़ की गम्भीरी नदी के सौन्दर्यकरण का काम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसकी संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।

सभी जातियों और धर्मों के लोगों को एकजुट रखने का काम किया

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे हमेशा ईश्वर और संतों का आशीर्वाद मिला है। संतो के सानिध्य में मैंने ईश्वर में आस्था रखते हुए विभिन्न जातियों और धर्मों के लोगों को एकजुट रखने का काम किया है। उन्होंने कहा कि हमारा मकसद है कि राजस्थान ऎसा प्रदेश बने जहां किसी तरह का वैमनस्य नहीं हो और सभी मिलजुलकर रहें।

हम राजस्थान को ऎसा प्रदेश बनाना चाहते हैं जहां सभी लोग प्यार से रहें ताकि यहां और निवेश आए और राजस्थान फले-फूले।

125 मंदिरों में 551 करोड़ के विकास कार्य

श्रीमती राजे ने कहा कि हमारी सरकार धार्मिक स्थलों के विकास के लिए प्राथमिकता के साथ काम कर रही है। सभी धर्मों एवं सम्प्रदायों से जुड़े महापुरूषों की गाथाओं को चिरस्थाई बनाए रखने के लिए प्रदेश में 100 करोड़ रुपये की लागत से करीब 30 पैनोरमा के निर्माण करवाए जा रहे हैं। साथ ही 551 करोड़ रू. से 125 मंदिरों में विकास कार्य भी हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अब तक करीब 25 हजार तीर्थ यात्रियों को हवाई जहाज, रेल और बसों के माध्यम से रामेश्वरम, तिरूपति बालाजी, जगन्नाथपुरी, वैष्णो देवी, द्वारकापुरी, शिरडी, सम्मेद शिखर (झारखण्ड) एवं बिहार शरीफ तीर्थ स्थलों की यात्रा करवाई गई है।

यज्ञ, जप और पाठ प्रदेश की खुशहाली के लिए

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति में यज्ञ, जप और पाठ का बड़ा महत्व है। यज्ञ, जप और पाठ हमें आध्यात्मिकता की ओर ले जाते हैं तथा वायु मण्डल को पवित्र करते हैं। यहां जो यज्ञ, जप और पाठ किए जा रहे हैं वे हमारे प्रदेश की खुशहाली के लिए हैं। उन्होंने कहा कि साधु-संतों और महापुरूषों के आशीर्वाद से आज राजस्थान विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है।

साधारण कुर्सी पर बैठीं मुख्यमंत्री

श्रीमती राजे जब संत समागम कार्यक्रम में स्टेज पर पहुंची तो संतों के बराबर न बैठकर उन्होंने अपने लिए एक साधारण कुर्सी मंगवायी और उस पर बैठीं ताकि संतों का सम्मान बना रहे।

मुख्यमंत्री की धार्मिक आस्था अनुकरणीय

संत समागम समारोह को संबोधित करते हुए बांसवाड़ा स्थित उत्तम सेवा धाम के उतम स्वामी जी महाराज ने मुख्यमंत्री की धार्मिक आस्था और संतों के प्रति उनकी अगाध भक्ति को अनुकरणीय बताया। उन्होंने कहा कि श्रीमती राजे में धर्म के प्रति जो समर्पण भाव है वह कम ही लोगों में देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि मुख्यमंत्री पर ईश्वर और संतों की विशेष कृपा रही है।

रिंग रोड़ और हाईलेवल ब्रिज का शिलान्यास किया

श्रीमती राजे ने चित्तौड किले में शहरी जनसहभागिता योजना के अन्तर्गत 5 करोड़ की लागत से रिंग रोड़ की चौड़ाई बढाने और उसके पुनः डामरीकरण कार्य का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने संत समागम और आशीर्वाद समारोह के दौरान गम्भीरी नदी पर बनने वाले हाई लेवल ब्रिज का भी शिलान्यास किया।

संत समागम में मुंगाणा धाम कपासन के श्री चेतनदास जी महाराज, हजारेश्वर महादेव मंदिर चित्तौड़गढ़ के श्री चन्द्रभारती जी महाराज, रामद्वारा चित्तौड़गढ़ के संत दिग्विजय राम जी महाराज, संगेसरा के श्री रामचन्द्र गिरी जी महाराज, विजयपुर के श्री वैष्णवदास जी महाराज, स्वामी सुदर्शनाचार्य जी महाराज, उज्जैन से आए श्री मिथिल बिहारी जी और श्री नीलेश्वर जी महाराज सहित बड़ी संख्या में संत-महात्मा मौजूद थे। श्रीमती राजे ने संतों का आशीर्वाद लिया।

समारोह में नगरीय विकास मंत्री श्री श्रीचन्द कृपलानी ने श्रीमती राजे का स्वागत करते हुए कहा कि बीते 4 सालों में चित्तौड़ में अभूतपूर्व विकास कार्य हुए हैं। समाज के हर वर्ग को इसका लाभ मिला है। उन्होंने चित्तौड़ की गम्भीरी नदी के सौन्दर्यकरण और संरक्षण के काम की ओर श्रीमती राजे का ध्यान आकर्षित किया।

इस दौरान सांसद श्री सीपी जोशी और विधायक श्री चन्द्रभान सिंह आक्या ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर गृह मंत्री श्री गुलाबचन्द कटारिया, संसदीय सचिव श्री शत्रुघ्न गौतम, विधायक श्री गौतम दक, श्री अर्जुन लाल जीनगर, श्री सुरेश धाकड़, जिला प्रमुख श्रीमती लीला जाट, सहित बड़ी संख्या में अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

यज्ञ में दी आहूत

इससे पहले मुख्यमंत्री ने चित्तौड़ किले स्थित कालिका माता के दर्शन किए तथा यहां विशेष आरती कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की। श्रीमती राजे ने यहां सप्तशती नव कुण्डीय यज्ञ और त्रिसहस्त्र चण्डी पाठ की पूर्ण आहूति के अवसर पर आहूति दी। सर्वजन हिताय की कामना को लेकर आयोजित इस धार्मिक अनुष्ठान में श्रीमती राजे ने सभी विद्वजनों का आशीर्वाद लिया।

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