वर्षांत समीक्षा 2018: दिव्यांगजन सशक्तिकरण

वर्षांत समीक्षा 2018: दिव्यांगजन सशक्तिकरण

पीआइबी ————- दिव्यांगजनों के कल्याण और सशक्तीकरण पर लक्षित विभिन्न नीतिगत मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने और संबंधित गतिविधियों पर सार्थक जोर देने के वास्ते 12 मई 2012 को सामाजिक न्याय और अधिकारता मंत्रालय से अलग करके एक पृथक डिसैबिलिटी मामलों का विभाग बनाया गया।

08 दिसंबर 2014 को इस विभाग का नाम बदलकर दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग कर दिया गया। यह विभाग विभिन्न हितधारकों, संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों, राज्यों, केंद्र शासित राज्यों की सरकारों, गैर सरकार संगठनों (एनजीओ) इत्यादि के बीच प्रभावी समन्वय सहित दिव्यांगजनों और विकलांगता से संबंधित मामलों को देखने के लिए एक नोडल एजेंसी के तौर पर काम करता है।

इस विभाग को प्राथमिक रूप से दिव्यांगनों के सशक्तिकरण का कार्य सौंपा गया है ताकि एक समावेशी समाज का निर्माण किया जा सके। इसके तहत दिव्यांगजनों के विकास और उसके लिए समान अवसर मुहैया कराये जाते हैं ताकि वे उत्पादक, सुरक्षित और सम्मानित जीवन जी सकें।

इस विभाग का यह भी मकसद विभिन्न कानूनों, संस्थानों, संगठनों और योजनाओं के जरिये दिव्यांगजनों का पुनर्वास सुनिश्चित करने, उन्हें सक्षम बनाने तथा सशक्त बनाने के लिए एक वातावरण तैयार करना है जिससे ऐसे लोगों को समान अवसर मिल सकें। इससे दिव्यांगजनों के अधिकार सुरक्षित होंगे और वे समाज में एक उत्पादक शख्सियत के तौर पर अपनी भूमिका को अंजाम दे सकेंगे।

अपनी दृष्टि को समझते हुए अपने मिशन को हासिल करने के लिहाज से विभाग निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए प्रयासरत है:-

पुर्नवास के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन करना है

आ. भौतिक पुनर्वास, जिसमें विकलांगता के प्रभाव को कम करने के लिए उचित सहायक उपकरण और उनकी खरीद में प्रारंभिक पहचान और हस्तक्षेप परामर्श और चिकित्सा पुनर्वास एवं सहायता शामिल है;

व्यावसायिक शिक्षा सहित शैक्षणिक पुनर्वास और आर्थिक पुनर्वास और सामाजिक सशक्तिकरण
पेशेवरों/कर्मियों के लिए पुनर्वास का विकास आंतरिक दक्षता/प्रतिक्रिया/सेवा वितरण में सुधार

समाज के विभिन्न तबकों के बीच जागरूकता के माध्यम से विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण की वकालत करना

दिव्यांगजनों को खरीद/ एड्स और एप्लाइंस (एडीआईपी) योजनाओं के लिए सक्षम बनाने के वास्ते मदद मुहैया कराना

इस साल यानी 2018 में 1456 एडीआईपी शिविर आयोजित गए और 2.40 लाख से अधिक दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण मुहैया कराए गए। 3430 लोगों को मोटर युक्त तिपहिया वाहन मुहैया कराए गए जबकि 287 कोक्लेयर इम्प्लांट सर्जरी सफलतापूर्वक पूरी की गई।

11 फरवरी 2018 को ग्वालियर स्थित जिवाजी विश्वविद्यालय के परिसर में एक मेगा वितरण शिविर आयोजित किया गया था। इस दौरान सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय के तहत एक सीपीएसई, भारत सरकार से जुड़े अलीमको (ALIMCO) के माध्यम से दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों को सहायक उपकरणों का वितरण किया गया।

इस शिविर आयोजन के दौरान गरीबी रेखा से नीचे(बीपीएल) के वर्गों से जुड़े दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों को सहायक उपकरण मुहैया कराए गए। इस कार्यक्रम में भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद मौजूद रहे। इनके अलावा इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, हरियाणा के राज्यपाल श्री कप्तान सिंह सोलंक, केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत, केंद्रीय ग्रामीण विकास पंचायती राज एवं खनन मंत्री श्री नरेंद्र तोमर, बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार उपस्थित रहे।

इस कार्यक्रम में उपस्थित रहने वालों में मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री श्री गौरीशंकर चतुर्भुज बिसेन, मध्य प्रदेश सामाजिक न्याय मंत्री श्री गोपाल भार्गव, मध्य प्रदेश की मंत्री श्रीमती माया सिंह, मंत्री श्री जैभान सिंह पवैया और राज्य के अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हैं।

ग्वालियर के मेगा कैम्प (4721) में एडीआईपी योजना का 2436 दिव्यांगजनों को लाभ मिला जबकि राष्ट्रीय वायोश्री योजना के तहत 1835 वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त में सहायक उपकरण मुहैया कराए गए जिसकी लागत 288.72 लाख रुपये है।

एडीआईपी योजना के तहत मोटरयुक्त तिपहिया-119, परंपरागत तिपहिया-762, व्हीलचेयर-277, बैसाखियां-1236, वाकिंग स्टिक्स-327, ब्रेल कैनस-34, ब्रेल किट्स-36, सुनने वाला यंत्र-742, रोलेटर-38, स्मार्ट कैन-127, स्मार्ट फोन-50, एडीएल किट-26, सेल फोन-26, डेज़ी प्लेयर-30, एमएसआईडी किट-268, कैलिपियर्स-324 इत्यादि वितरित किए गए।

राष्ट्रीय वयोश्री योजना के तहत छड़ी-1089, व्हील चेयर-250, सुनने वाले यंत्र-773, बैसाखियां-14, ट्राइपॉड-417, टेट्रापॉड-197, वाकर फोल्डेबल-03, डेंचर कम्पलीट-45, डेंचर पार्सियल-40, चश्मा-806 इत्यादि वितरित किए गए।

उपराष्ट्रपति ने एम्पावरमेंट ऑफ पर्सन विद डिसैब्लिटिज 2018 के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए

दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से नई दिल्ली में 3 दिसंबर 2018 को आयोजित एक कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति ने एम्पावरमेंट ऑफ पर्सन विद डिसैब्लिटिज 2018 के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए।

यह कार्यक्रम विकलांग व्यक्तियों के अंतरराष्ट्रीय दिवस 3 दिसंबर के अवसर पर आयोजित किया गया था। इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत, सामाजिक न्याय एवं अधिकारता राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर, श्री रामदास अठावले और श्री विजय सम्पला भी उपस्थित थे।

सुलभ भारत अभियान (एआईसी)-आई, महत्वपूर्ण उपलब्धियां और अभियान की सफलताएं

दिव्यांगजनों के लिए अनुकूल वातावरण बनाकर परिवहन और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी को सुलभ बनाने के मकसद से सुलभ भारत अभियान को 3 दिसंबर 2015 को शुरू किया गया था। अभी तक सुलभता को लेकर 50 शहरों में 1662 इमारतों का ऑडिट पूरा किया जा चुका है। 1217 इमारतों के पुनर्निर्माण के लिए वित्तीय प्रस्ताव प्राप्त किए गए हैं और इनमें से क्रमशः 964 इमारतों के लिए 2264.91 करोड़ रुपये की मंजूरी दे दी गई है।

सभी 34 अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों और 48 घरेलू हवाई अड्डों को सुलभ सुविधाओं मसलन रैंप, सुलभ शौचालय, ब्रेल प्रतीकों और श्रवण संकेतों लैस किया जा चुका है। सभी ‘ए-1’, ‘ए’ और ‘बी’ कैटेगरी के 707 में से 670 रेलवे स्टेशनों को शॉर्ट टर्म सुविधाएं मुहैया कराई गईं हैं। 670 रेलवे स्टेशनों को लांग टर्म सुविधाओं से लैस किया गया है।

राज्यों की 58 सड़क एवं परिवहन अंडरटेकिंग की 8.4 फीसदी सार्वजनिक बसें मुहैया कराई गई हैं। केंद्र सरकार के 100 मंत्रालयों, विभागों की वेबसाइट्स में से अभी तक 94 मंत्रालयों, विभागों की वेबसाइट्स दिव्यांगजनों के लिए सुलभ हैं। राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की 917 चिन्हित वेबसाइट्स को ERNET India के जरिये सुलभ बनाने की प्रक्रिया जारी है जबकि राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की 217 वेबसाइट्स को विकलांग लोगों के लिए सुलभ बनाया जा चुका है।

अद्वितीय अक्षमता पहचान (यूडीआईडी) परियोजना

दिव्यांगजनों के लिए राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार करने के मकसद से विभाग पहले से ही विशिष्ट दिव्यांग पहचान परियोजना को शुरू कर चुका है। सभी दिव्यांगों को प्रमाण के यूनिक डिसैबलिटी आईडी (यूडीआईडी) भी मुहैया कराई जाती है। इस संबंध में एक वेब आधारित सॉफ्टवेयर विकसित किया जा चुका है जिसे सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश सरकारों के कर्मियों को प्रशिक्षण मुहैया कराने के साथ साझा किया जा रहा है। इस परियोजना के पूरी होने पर सरकारों की विभिन्न योजनाओं का लाभ लेने के लिए यूडीआईडी का अनिवार्य कर दिया जाएगा। अभी तक 27 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों ने 11.20 लाख ई-यूडीआईडी कार्ड्स तैयार कर लिए हैं।

वर्ष 2018 की अन्य महत्वपूर्ण उपलब्धियां

सुलभ भारत अभियान के तहत विभिन्न राज्य सरकारों/ संघ शासित प्रदेशों की 100 सुलभ वेबसाइटों को केंद्रीय न्याय और सशक्तीकरण मंत्री श्री थावरचंद गहलोत ने 10 जनवरी 2018 को ‘सुलभता में सुधार पर राष्ट्रीय सम्मेलन’ के अवसर पर शुरू किया था।

दिव्यांगों के लिए सहायक उपकरणों (एडीआईपी) की खरीद/फिटिंग के लिए सहायता की योजना के तहत फरवरी 2018 में देशभर में 8 स्थानों पर शिविर आयोजित किए गए। इसके तहत दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण उपलब्ध कराए गए।

केंद्रीय सामाजिक एवं अधिकारता मंत्री ने ब्लाइंड क्रिकेट विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम को नई दिल्ली में 21 फरवरी 2018 को आयोजित एक कार्यक्रम में 34 लाख रुपये के नकद पुरस्करा से पुरस्कृत किया। इस अवसर पर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री भी मौजूद थे।
केंद्रीय सामाजिक एवं अधिकारिता मंत्री की अध्यक्षता में नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में दिव्यांगजनों को लेकर केंद्रीय परामर्श बोर्ड की पहली और दूसरी बैठक क्रमशः 13 फरवरी और 5 अक्टूबर 2018 को संपन्न हुई।

इस बैठक में विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों, विभिन्न राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के मंत्रियों और उनके प्रतिनिधियों के साथ ही कई बोर्डों के नामांकित सदस्यों ने भाग लिया। बोर्ड ने अक्षमता के क्षेत्र में विभिन्न महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जिसमें समावेशी शिक्षा, आरपीडब्ल्यूडी अधिनियम के कार्यान्वयन, सुलभ भारत अभियान (एआईसी) इत्यादि शामिल रहे।

ऑटिज़्म, सेरेब्रल पाल्सी, मानसिक मंदता और एकाधिक विकलांगता वाले व्यक्तियों के कल्याण के लिए राष्ट्रीय ट्रस्ट ने समावेशी भारत पहल को लांच किया। देश के अन्य हिस्सों में इस पहल का विस्तार करने के लिए भोपाल में 10 फरवरी 2018 को एक क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसका उद्घाटन केंद्रीय सामाजिक न्या और अदिकारिता मंत्री की मौजूदगी में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने किया। कार्यशाला में इस क्षेत्र के विशेषज्ञों, छात्रों, गैर सरकारी संगठनों, अभिभावकों के अलावा अन्य लोगों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला का उद्देश्य बौद्धिक और विकासात्मक विकलांग्कता वाले व्यक्तियों को मुख्यधारा में शामिल करने पर जागरूकता फैलाना था।

उत्तर-पूर्व के 8 राज्यों में विभाग द्वारा शुरू की गई योजनाओं, कार्यक्रमों की समीक्षा के लिए असम के गुवाहाटी में 23 फरवरी 2018 एक बैठक आयोजित की गई थी।

इंडियन साइन लैंग्वेज रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर, नई दिल्ली द्वारा विकसित 3000 शब्दों की पहले भारतीय साइन लैंग्वेज डिक्शनरी का 23 मार्च 2018 को केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. थावरचंद गहलोत ने लोकार्पण किया। इस शब्दकोश में कानूनी, मेडिकल, अकादमिक, तकनीकी और रोजमर्जा के जीवन में इस्तेमाल किए जाने वाले शब्द शामिल हैं।

उज्जैन में नवनिर्मित एलीम्को अक्जलियर प्रोडक्शन सेंटर(एएपीसी) का उद्घाटन केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने 28 अप्रैल 2018 को किया। एलीम्को के आधुनिकीकरण कार्यक्रम के तहत आर्ट प्रोडक्शन सेंटर ने इसे स्थापित किया है।

विभाग ने 7 मई, 2018 को दिल्ली को मॉडल सुगम्य योग्य शहर बनाने के लिए ‘शेयरधारकों की पहली संवेदनशीलता बैठक’ आयोजित की।

विभाग ने सभी प्रमुख हितधारकों की बैठक को समन्वयित करने के लिए पहल की है, ताकि उन्हें कानूनी आदेशों के बारे में संवेदनशील बनाया जा सके और जो इस पूरी यात्रा में पर्यवेक्षक की भूमिका निभाएंगे।

नरसिंहगढ़, पश्चिम त्रिपुरा में विकलांग लोगों के लिए एक समग्र क्षेत्रीय केंद्र का उद्घाटन 08 जून, 2018 को त्रिपुरा के माननीय मुख्यमंत्री द्वारा केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में किया गया था।

13-21 साल के आयु वर्ग में विकलांग लोगों (स्कूल जाने या स्कूल छोड़ने वालों) के लिए राष्ट्रीय आईटी चुनौती नामक कार्यक्रम 25-26 जून 2018 को हरियाणा के कुरुक्षेत्र एनआईटी में आयोजन किया गया था।

विभाग ने विकलांग व्यक्तियों के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा विकसित विभिन्न तकनीकों के व्यावसायीकरण के मुद्दे पर चर्चा करने के वास्ते डीएसटी और कृत्रिम अंग विनिर्माण निगम (एएलआईएमसीओ) के वैज्ञानिकों के साथ 17 जुलाई 2018 को एक बैठक का आयोजन किया था।

बैठक को 2 अप्रैल, 2018 को आयोजित सीओएस बैठक के अनुवर्ती के रूप में बुलाया गया था जिसमें सीओएस ने सिफारिश की थी कि डीएसटी और डीईपीडब्ल्यूडी संयुक्त रूप से दिव्यांगजनों के लाभ के लिए डीएसटी द्वारा विकसित विभिन्न तकनीकों के व्यावसायीकरण की संभावनाओं का तलाशा जा सकता है।

विकलांग व्यक्तियों के लिए कौशल विकास पर राष्ट्रीय कार्यशाला विज्ञान भवन, नई दिल्ली में 3 जुलाई, 2018 को आयोजित की गई थी। बैठक का उद्घाटन माननीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री ने किया और माननीय मंत्री कौशल विकास और उद्यमिता, उद्योग घरानों का प्रतिनिधित्व करने वाले अन्य हितधारकों, सूचीबद्ध प्रशिक्षण भागीदारों (ईटीपी) और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। बैठक में, विकलांग व्यक्तियों के लिए कौशल विकास को बढ़ावा देने, कौशल पाठ्यचर्या डिजाइन, उद्योग और विशेषज्ञों की भागीदारी के संबंध में विभिन्न मूल मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।

24 जुलाई, 2018 को लंदन में आयोजित वैश्विक विकलांगता शिखर सम्मेलन में माननीय सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण मंत्री की अध्यक्षता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल, जिसमें डीईपीडब्ल्यूडी सचिव भी शामिल थे, ने भाग लिया। माननीय सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों के प्रति भारत की वचनबद्धता को दोहराते हुए दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदम के बारे में बताया। इस सम्मेलन में 40 से अधिक देशों के वैश्विक नेताओं ने भाग लिया था।

दुनिया भर के लगभग 1100 प्रतिनिधियों ने सम्मेलन में भाग लिया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, माननीय केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री और सशक्तीकरण मंत्री और माननीय केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री की उपस्थिति में 02 सितंबर 2018 को समग्र क्षेत्रीय केंद्र (सीआरसी) की नई इमारत के निर्माण के लिए गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर में में भूमि पूजन किया।

इस परियोजना की अनुमानित लागत 16.63 करोड़ रुपये हैं। इस अवसर पर गोरखपुर में सीआरसी सेवा मुहैया कराने के लिए सीतापुर अस्पताल का उद्घाटन भी किया गया।

जिला विकलांगता पुनर्वास केंद्रों (डीडीआरसी) की संशोधित योजना के महत्वपूर्ण घटकों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए 14 सितंबर, 2018 को अम्बेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र, नई दिल्ली में एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया था।

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री इस अवसर पर मुख्य अतिथि रहे। इस सम्मेलन में राज्यों के प्रधान सचिव, जिला मजिस्ट्रेट/ जिलों के आयुक्त, मुख्य आयुक्त और साथ ही साथ विकलांग व्यक्तियों और कार्यान्वयन एजेंसियों के लिए राज्य आयुक्त भी शामिल हुए थे।

इंडियन साइन लैंग्वेज रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर, नई दिल्ली ने प्रवासी भारतीय केंद्र, नई दिल्ली में 23.09.2018 को “साइन लैंग्वेज डे” मनाया। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री इस अवसर पर मुख्य अतिथि रहे। केंद्र ने 28 सितंबर 2018 को अपना ‘स्थापना दिवस’ मनाया। अकादमिक वर्ष 2016-17 के 27 छात्रों को डिप्लोमा सर्टिफिकेट (भारतीय साइन लैंग्वेज व्याख्या में डिप्लोमा) वितरित किया गया था।

देखभाल को लेकर वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को देखते हुए शारीरिक और मानसिक विकलांगताओं पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

केंद्रीय सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण मंत्री की अध्यक्षता में पुनर्वास और अनुसंधान कार्यशाला का 23 अक्टूबर 2018 को प्रवासी भारतीय केंद्र, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। कार्यशाला की मेजबानी नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर एम्पवारमेंट ऑफ पर्सन विद मल्टीपल डिसैबलीटीज (एनआईईपीएमडी), चेन्नई द्वारा की गई थी।

कार्यशाला का नतीजा सेवा वितरण में प्रोटोकॉल का विकास और भारतीय संदर्भ में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुकूलन को प्रोत्साहित करेगा।

9 से 11 नवंबर 2018 तक नई दिल्ली स्थित अशोक होटल में कोरिया सरकार की मदद से विभाग ने स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय के साथ मिलकर “विकलांग लोगों के लिए वैश्विक आईटी चुनौती” विषय पर एक तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन किया था।

18 देशों इंडोनेशिया, चीन, वियतनाम, मलेशिया, थाईलैंड, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल, मंगोलिया, कंबोडिया, लाओस, फिलीपींस, कोरिया, कज़ाखस्तान, किर्गिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, भारत और ब्रिटेन के 96 युवा दिव्यांगों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया था। इस कार्यक्रम में भारत ने तीन पदक जीते।

22 नवंबर 2018 को ऑस्ट्रेलिया के माननीय राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान विकलांगता के क्षेत्र में सहयोग के लिए ऑस्ट्रेलिया और भारत सरकार के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। ऑस्ट्रेलिया में तैनात भारतीय उच्चायुक्त ने भारत सरकार की तरफ से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

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