• January 8, 2018

राजस्थान विश्वविद्यालय का 72 वां स्थापना दिवस

राजस्थान विश्वविद्यालय का 72 वां स्थापना दिवस

जयपुर——— शिक्षा राज्य मंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि स्कूल शिक्षा की बेहतरी से ही उच्च शिक्षा की सुदृढ़ नींव तैयार की जा सकती है। उन्होंने विश्वविद्यालयों एवं उच्च शिक्षण संस्थाओं को आदर्श मानवीय सरोकारों की शिक्षा के संवाहक बनाए जाने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि राजस्थान में गुणवत्तापूर्ण संस्कार प्रदान करने वाली शिक्षा के जो प्रयास सरकार ने किए हैं, उसी से देश में कभी 18वें स्थान पर रहने वाला राजस्थान आज शिक्षा में 9वें स्थान पर आ गया है। शिक्षा के किए गये इन प्रयासों से प्रदेश में आने वाले समय में उच्च शिक्षा में भी राजस्थान अग्रणी बनेगा।

उन्होंने कहा कि देश व समाज की सामाजिक चुनोतियों से जूझने के लिए किस तरह से कार्य युवा करें, शोध एवं अनुसंधान इस पर केंद्रित रहते किए जाएं। उन्होंने विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को समाज में सकारात्मक परिवर्तन के संवाहक बनने का आह्वान किया।

शिक्षा राज्य मंत्री ने मानवीय रिश्तों में आ रही संवेदनहीनता को दूर करने के लिए उच्च शिक्षा की दशा एवं दिशा तय किए जाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा के अंतर्गत शिक्षक तीन ‘टी’ को केन्द्र में रखते हुए शिक्षा प्रदान करे।

पहली टी है ट्रांसपरेंशी यानी पारदर्शिता,

दूसरी टी है टेक्नोलोजी अर्थात बदलती तकनीक को ध्यान में रखते हुए

तीसरी महत्वपूर्ण टी है टीम वर्क यानी सबको साथ लेकर यदि शिक्षा क्षेत्र में कार्य किया जाता है तो उसके बेहतर परिणाम सामने आएंगे।

समारोह के विशिष्ठ अतिथि विधायक श्री अशोक परनामी ने कहा कि शिक्षा हम सभी का सामाजिक दायित्व है। उन्होंने कहा कि मानवीय ज्ञान सामाजिक संपति है।

स्थापना दिवस समारोह के मुख्य वक्ता प्रो. भगवती प्रकाश शर्मा ने कहा कि भारत खगोल, जीव विज्ञान तथा सामाजिक विज्ञान की सभी शाखाओं में श्रेष्ठतम रहा है।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. के. कोठारी ने राजस्थान विश्वविद्यालय की समृद्ध शैक्षिक परम्परा की चर्चा करते हुए कहा कि आजादी से पहले ही राजस्थान विश्वविद्यालय की स्थापना हो गई थी। तब यह देश के शीर्ष 5 विश्वविद्यालयों में था।

उन्होंने कहा कि आज देशभर में सैंकड़ो विश्वविद्यालय खुल गए हैं। आवश्यकता इस बात की है कि विश्वद्यिालय को समय के अनुरूप देश का अग्रणी विश्वविद्यालय हम बनाएं। इसके लिए शिक्षण-अनुसंधान के साथ ही सह शैक्षिक गतिविधियों पर भी ध्यान दिया जाएगा।

विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता और कार्यक्रम संयोजक प्रो. ए.के. नगावत ने सभी का आभार जताया। कार्यक्रम का कुशल संचालन पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के प्रो. संजीव भानावत ने किया। शिक्षा राज्य मंत्री ने इस मौके पर विश्वविद्यालय परिसर में पौधारोपण भी किया।

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