• October 29, 2018

राजकीय महोत्सव- कौमुदी महोत्सव—बिहार देश का सभ्यता द्वार है—मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार

राजकीय महोत्सव-  कौमुदी महोत्सव—बिहार देश का सभ्यता द्वार है—मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार

पटना——-:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने राजकीय उच्च विद्यालय पटना सिटी के खेल मैदान में राजकीय महोत्सव के रुप में कौमुदी महोत्सव का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया।

इस अवसर पर आयोजित महोत्सव को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कौमुदी महोत्सव के इस अवसर पर आपके बीच उपस्थित होकर प्रसन्नता हो रही है। यूॅ तो शरद पूर्णिमा के दिन इसका आयोजन होना चाहिए।

इस वर्ष 24 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा थी लेकिन कुछ कारणवश इसका आयोजन आज हो रहा है। मुझे उम्मीद है कि अगले वर्ष से शरद पूर्णिमा के दिन ही इसका आयोजन होगा। मुख्यमंत्री ने उस दिन खुले मंच में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने की सलाह दी ताकि लोग खुले आकाश में शरद पूर्णिमा का आनंद उठा सकें।

उन्होंने कहा कि शरद पूर्णिमा का महत्व आस्था और परंपरा के रुप में तो है ही लेकिन आयुर्वेद में स्वास्थ्य के लिए भी इस तिथि को अहम स्थान प्राप्त है। कार्यक्रम की शुरुआत में हमलोगों ने राधा-कृष्ण भगवान की तस्वीर पर माल्यार्पण किया था।

शरद पूर्णिमा की रात्रि को रासलीला शुरु होती है, जिसका तात्पर्य संगीत, नृत्य एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम से है। आज भी सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है। मैं आए हुए सभी कलाकारों का स्वागत करता हूॅ और उम्मीद करता हूॅ कि आप सब पूरे आनंद के साथ इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले से ही पाटलिपुत्रा परिषद् के द्वारा कौमुदी महोत्सव का आयोजन होता आ रहा है। पाटलिपुत्रा परिषद् के अध्यक्ष ने इसके स्थापना से लेकर अभी तक के सफर के बारे में विस्तार से बताया। इसकी स्थापना नवाब सैय्यद जादा ने की थी। पाटलिपुत्रा परिषद् सर्वेश्रेष्ठ कार्य करने वालों को पुरस्कृत करती है और आज भी उन्हें किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यही पटना सिटी पाटलिपुत्र है, यह ऐतिहासिक जगह है। इसी जगह से अभी के भारत से भी बड़े इलाके पर शासन का संचालन होता था। आज पाटलिपुत्र का वह स्वरुप नहीं है। प्रेम-सद्भावना-भाईचारे के बल पर एक दूसरे की इज्जत करते हुए हम सब फिर से उस गौरव को प्राप्त कर सकेंगे। हम समझते हैं कि पाटलिपुत्र परिषद का भी यही संकल्प होगा। कला एवं संस्कृति विभाग एवं जिला प्रशासन इसके आयोजन में हरसंभव सहयोग करेगा। हमारी सरकार की तरफ से कोई कमी नहीं होगी। यहां के लोग इस आयोजन को पूरे आनंद एवं उल्लास के साथ मनाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां सिक्खों के दसवें गुरु गुरुगोविंद सिंह जी का जन्म हुआ था और वे 7 वर्ष की आयु तक यहीं रहे थे। यह हम सबके लिए सौभाग्य की बात है। हाल ही में 350वां प्रकाशोत्सव पर्व एवं शुकराना समारोह का भव्य आयोजन किया गया था। जो भी बाहर के लोग यहां आए थे, उन सबों का स्वागत आपलोगों के द्वारा बहुत ही बेहतर ढंग से किया गया था, जिसे लोग आज भी याद करते हैं, इसके लिए मैं आप सबका शुक्रिया अदा करता हूं। यहां प्रकाशपूंज की स्थापना की जाएगी।

पटना घाट रेलवे की जमीन बिहार सरकार को मिल जाएगी और उसे आवागमन की सुविधा के लिए फोरलेन सड़क के माध्यम से गंगा पथ से जोड़ा जाएगा। पटना घाट के बगल में 5 एकड़ के लगभग जमीन है, जिसमें कुछ महत्वपूर्ण कार्य करने की योजना है ताकि यह महसूस हो सके कि यह पाटलिपुत्र, राजधानी का मूल इलाका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बिहार देश का सभ्यता द्वार है। सम्राट अशोक युद्ध जीतने के बाद अपने अंदर एक दूसरे भाव को धारण कर बुद्ध के प्रति खुद को समर्पित कर दिया और चंडाशोक से धम्मा-शोक बने। अंततोगत्वा शांति ही सबसे बड़ी चीज होती है और कौमुदी महोत्सव उसी शिक्षा को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ेगा। कहा जाता है कि इसी इलाके में सम्राट अशोक प्रति वर्ष एक आयोजन करते थे, जिसमें करीब एक करोड़ लोग भाग लेते थे। यह महान भूमि है। हमलोगों ने सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र बनवाया है जिसमें चंडाषोक से धम्माषोक के रूप में अशोक की सांकेतिक मूर्ति लगायी गई है। यहां सभ्यता द्वार बनाया गया है, जो अपने आप में विशिष्ट है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह ज्ञान की भूमि है, यहां शिक्षा के केंद्र के रुप में नालंदा एवं बिक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालय रहे हैं। हमलोग अपने इतिहास को याद कर प्रेरणा लें और शिक्षा, समन्वय, शांति एवं अहिंसा पर ध्यान दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सभ्यता का शांति एवं भाईचारे के संदेश का शरद पूर्णिमा महोत्सव के लिए विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि मेरी अपेक्षा है कि कौमुदी महोत्सव का वृहद आयोजन शरद पूर्णिमा के दिन से प्रारंभ हो।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम की शुरुआत में राधाकृष्ण की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किया।

मुख्यमंत्री का स्वागत पुष्प-गुच्छ, अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर किया गया।

मुख्यमंत्री एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने पाटलिपुत्र स्मारिका का विमोचन किया।

मुख्यमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धि के लिये श्री प्रेम किरण, श्री राम नरेश चैरसिया, श्री संजय रॉय, डॉ0 पी0के0 अग्रवाल, श्री कृष्ण कुमार अग्रवाल, श्री प्रमोद कुमार यादव को सम्मानित किया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरूआत बिहार गौरव गान से हुई। तत्पष्चात विभिन्न कलाकारों के द्वारा आकर्षक प्रस्तुतियाॅ दी गई। कार्यक्रम को पथ निर्माण मंत्री श्री नंद किशोर यादव, कला-संस्कृति मंत्री श्री कृष्ण कुमार ऋषि, पटना नगर निगम की महापौर श्रीमती सीता साहू, पाटलिपुत्रा परिषद् के अध्यक्ष डॉ0 त्रिलोकी प्रसाद गोलपारा, कला-संस्कृति विभाग के प्रधान सचिव श्री रवि परमार मनुभाई ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, जिलाधिकारी श्री कुमार रवि, वरीय पुलिस अधीक्षक श्री मनु महाराज, पाटलिपुत्रा परिषद के सचिव श्री संजीव यादव सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, वरीय पदाधिकारीगण, कलाकार एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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