• January 22, 2016

मतस्य किसानों को बुनियादी ढांचें के विकास हेतु 50 प्रतिशत अनुदान

मतस्य किसानों को बुनियादी ढांचें के विकास हेतु 50 प्रतिशत अनुदान

चण्डीगढ़ — हरियाणा सरकार ने 895 लाख रुपए की लागत से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 40 हेक्टेयर अतिरिक्त लवणीय भूमि व 27 हैक्टेयर जलमग्न क्षेत्र को मतस्य पालन के लिए प्रयोग में लाने का निर्णय लिया है और राज्य में सफेद झींगा पालन (लिप्टोपिनस वैनामी) की अपूर्व सफलता के पश्चात लवणीय भूमि में 28 हैक्टेयर जलक्षेत्र में लाया गया है इस संबंध में जानकारी देते हुए राज्य के कृषि मंत्री श्री ओ. पी. धनखड़ ने बताया कि मतस्य किसानों को बुनियादी ढांचें के विकास हेतु 50 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाएगा, इसके अलावा राष्ट्रीय मतस्य बीज फार्म, ज्योतिसर व हिसार का सुदृढीकरण व उन्नतिकरण किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 6641.54 लाख मछली बीज का संचय किया गया और 16951.05 हैक्टेयर जलक्षेत्र मतस्य पालन के अंतर्गत लाया गया हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016-17 के दौरान योजना स्कीम ओरनामेंटल स्कीम के तहत जिला झज्जर में सजावटी मछली की हैचरी व प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना की जाएगी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015-16 के दौरान 15 राजकीय मतस्य बीज फार्मों  पर 759.91 मतस्य बीज का उत्पादन किया गया है।

वर्ष 2014-15 के दौरान योजना स्कीम एस.सी. फेमिली के तहत 100 प्रतिशत लक्ष्यों की प्राप्ति की गई। सरकार द्वारा वर्ष 2015-16 के दौरान इस स्कीम के तहत बजट 42 लाख से बढाकर 200 लाख रुपए कर दिया गया है। विभाग का योजना बजट गत वर्ष की अपेक्षा धनराशि 500 लाख रुपए से बढाकर 2015-16 में धनराशि 1315 लाख रुपए कर दिया गया है। श्री धनखड़ ने बताया कि 2 नवंबर, 2015 को दादूपुर हैडवर्कस, जिला यमुनानगर में पश्चिमी यमुना नहर में प्राकृतिक जल में पाई जाने वाली मछलियों की प्रजातियों में आ रही गिरावट के कारण इन मछलियों के संरक्षण के लिए 20 हजार अंगुलिकांए लेबियों कालबसु, 90 हजार भारतीय मेजर कार्प एवं पांच हजार महाशीर मछली का बीज छोडा गया है जिससे प्राकृतिक पानियों का संतुलन बना रहें।

उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में 134078.40 मिट्रिक टन मतस्य उत्पादन किया गया। उन्होंने बताया कि राज्य के मतस्य किसानों को जिला झज्जर में भारत-वियतनाम उच्च मतस्य तकनीक व प्रौद्योगिकी की स्थापना हेतु प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि हरियाणा जलकृषि के माध्यम से मतस्य उत्पादन के क्षेत्र में एक प्रमुख प्रदेश हैं। हरियाणा मतस्य पालन के क्षेत्र में देश के सामाजिक व आर्थिक विकास में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है और यह आय व रोजगार को बढावा देने के साथ-साथ एक शक्तिशाली आय का स्रोत माना गया है।

हरियाणा राज्य मछली उत्पादकता के क्षेत्र में भारतवर्ष में प्रति हैक्टेयर प्रति वर्ष की दर से दूसरे स्थान पर है। उन्होंने बताया कि मतस्य पालन विभाग का मुख्य उदेश्य मतस्य किसानों को प्रशिक्षित कर उत्तम किस्म के मछली बीज उत्पादन करने तथा प्राकृतिक जल संसाधनों में मतस्य पालन को बढावा देना व मछली की अधिक से अधिक प्रजाति को बढावा देना है तथा अधिक से अधिक जलक्षेत्र को मतस्य पालन के अधीन लाना, मछली बीज का उत्पादन बढाना तथा मतस्य किसानों को तकनीकी व वित्तीय सहायता प्रदान विभाग का मुख्य उदेश्य हैं।

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