भारत-बांग्‍लादेश संयुक्‍त सैन्‍य अभ्‍यास संप्रीति-2019

भारत-बांग्‍लादेश संयुक्‍त सैन्‍य अभ्‍यास संप्रीति-2019

पीआईबी—-भारत और बांग्‍लादेश का संयुक्‍त सैन्‍य अभ्‍यास संप्रीति VIII, 14 मार्च, 2019 को तंगेल, बांग्‍लादेश में संपन्‍न हुआ।

भारत-बांग्‍लादेश सयुक्‍त सैन्‍य अभ्‍यास में भारतीय सेना की ओर से राजपूताना राइफल्‍स की 9वीं बटालियन का कंपनी ग्रुप तथा 36 ईस्‍ट बंगाल बटालियन बांग्‍लादेश की कंपनी ने भाग लिया।

समापन समारोह में मुख्‍य अतिथि भारतीय उच्‍चायुक्‍त महामहिम श्रीमती रीवा गांगुली दास ने दोनों देशों के बीच विशेष संबंधों पर प्रकाश डाला।

संयुक्‍त अभ्‍यास की संप्रीति श्रृंखला, 2009 में प्रारंभ हुई थी और यह 8वां अभ्‍यास था। संप्रीति अभ्‍यास भारत तथा बांग्‍लादेश की सेनाओं के बीच अंतरसंचालन और सहयोग को मजबूत और व्‍यापक बनाता है।

तंगेल, बांग्‍लादेश में यह चौथा भारत-बांग्‍लादेश अभ्‍यास था।

दोनों देशों के कमांडरों और स्‍टाफ अफसरों ने गुप्‍तचर सूचना प्राप्ति और सूचना साझा करने और संयुक्‍त फिल्‍ड प्रशिक्षण घटकों को उचित संचालन आदेश जारी करने में आपसी सहयोग के साथ कार्य किया।

संयुक्‍त प्रशिक्षण में तंगेल के बंगबंधु सेनानिबास छाबनी में वैलिडेशन अभ्‍यास किया गया जिसमें दोनों देशों की सेनाओं की उप इकाइयों ने योजनाओं को अंजाम दिया। इस अभ्‍यास की समीक्षा दोनों देशों के वरिष्‍ठ अधिकारियों द्वारा की गई।

प्रशिक्षण के अतिरिक्‍त दोनों दस्‍तों ने मैत्री बॉलीवॉल एवं बास्‍केटबॉल मैच सहित अनेक गतिविधियों में भागीदारी की। भारत-बांग्‍लादेश के संयुक्‍त अभ्‍यास के सफल समापन के अवसर पर शानदार परेड का आयोजन किया गया और रस्‍मी स्‍मृति चिन्‍हों का आदान-प्रदान किया गया।

Related post

मानव अधिकारों के उल्लंघन : जहरीली गैसों के कारण दम घुटने से चार लोगों की मौत   : राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग

मानव अधिकारों के उल्लंघन : जहरीली गैसों के कारण दम घुटने से चार लोगों की मौत…

राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, (एनएचआरसी), भारत ने एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वत: संज्ञान लिया है कि…
आरक्षण का लाभ अभी भी निम्नतम स्तर तक पहुँचना बाकी है : न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा (राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग)

आरक्षण का लाभ अभी भी निम्नतम स्तर तक पहुँचना बाकी है : न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा (राष्ट्रीय…

नई दिल्ली: — राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री अरुण मिश्रा ने…
मामला दर्ज किए बिना हिरासत में नहीं ले सकती हैं और न पूछताछ नहीं कर सकती : जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय

मामला दर्ज किए बिना हिरासत में नहीं ले सकती हैं और न पूछताछ नहीं कर सकती…

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय ने सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत एक कश्मीर निवासी की…

Leave a Reply