भरपूर नींद लें बीमारियों से बचें – डॉ. दीपक आचार्य

भरपूर नींद लें  बीमारियों से बचें  – डॉ. दीपक आचार्य

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एक आम इंसान की जिन्दगी में मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भरपूर नींद का होना नितान्त जरूरी है। यह नींद ही है जिससे मन,मस्तिष्क और आभामण्डल सब कुछ ठीक-ठाक रहता है और इंसान को जीवन की मस्ती प्राप्त होती है।

नींद हर इंसान की जिन्दगी  के लिए जरूरी है। दुनिया के अधिकांश लोग नींद नहीं आने की  बीमारी से ग्रसित हैं अथवा संसार में इतने रमे हुए हैं कि नींद को प्राथमिकता नहीं देते।  इसी वजह से लोग देर रात तक काम करते रहते हैं और सवेरे देर तक सोते रहते हैं।

 रात को देर तक जागरण से पित्त बढ़ता है और दिन में सोने से कफ बढ़ता है। अधिकांश आबादी की बीमारियों और तनावों, असाध्य रोगों की जकड़, आयु में कमी, थकान, चिड़िचिड़ेपन, अनावश्यक क्रोध, उन्माद और सनक का मुख्य कारण नींद में कमी है।

या तो ये लोग नींद के महत्व को समझते नहीं हैं अथवा इन्हें नींद आती नहीं। दिन में सूर्य के रहते हुए आँखों और दिमाग का काम लेना चाहिए तथा रात में मन से संबंधित काम करना चाहिए। चन्द्रमा का संबंध मन से है और इसलिए चन्द्रमा के रहते हुए मन से संबंधित अर्थात भावनात्मक काम करने चाहिएं।

रात्रि में नींद का सर्वाधिक उपयुक्त समय रात्रि 10 से प्रातः 4 बजे तक है और इसी समय सुखपूर्वक नींद का अहसास होता है। शरीर के लिए नींद का होना नितान्त आवश्यक है। किसी इंसान को दो-तीन दिन जगाए रखें, फिर देखें उसकी हरकतें, वह उन्मादी हो जाएगा, स्वभाव पूरा ही पूरा इतना बदल जाएगा कि जिसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती।

नींद शरीर की तमाम जरूरतों व क्षीण हो चुके तत्वों के पुनर्भरण के लिए बेहद जरूरी है। पूर्ण निद्रावस्था में हमारे शरीर की तत्वों की क्षति पूर्ण हो जाती है और हम सुबह उठने पर तरोताजा महसूस करते हैं।

जीवन में रोजाना ताजगी का अहसास तभी हो सकता है जबकि हम पूर्ण नींद ले लें। जो लोग पूरी नींद नहीं निकाल पाते अथवा जिन लोेगों को नींद नहीं आती, उन लोगों का जीवन निरापद नहीं रह सकता।

कोल्हू के बैल की तरह संसार और कर्म में रमे रहने वाले, धन-दौलत के लालची और अनियमित जीवनचर्या वाले जो लोग नींद की उपेक्षा करते हैं वे लोग न ज्यादा जी पाते हैं, न स्वस्थ और मस्त रह पाते हैं।

दुनिया भर के बीमारों का सर्वे किया जाए तो इनमें नब्बे फीसदी लोग वे ही मिलेंगे जो पूर्ण नींद से महरूम हैं या नींद की उपेक्षा करते हैं।  या तो नींद का आदर करो या अस्पतालों का सफर।

नींद की कमी सभी प्रकार की बीमारियों औरन तनावों की जननी है। इस सत्य को जानकर जो लोग समय पर सोते और जल्दी उठते हैं वे ही स्वस्थ और मस्त रह पाते हैं। बीमारियों से बचना हो तो भरपूर नींद लें।

जो लोग वर्तमान में बीमार हैं वे भी यदि पूर्ण नींद लेने का अभ्यास डालें तो उनकी बीमारियों पर जल्द ही नियंत्रण पाया जा सकता है। जीवन के सभी कर्मों से बढ़कर है नींद। एक बार भरपूर नींद का अभ्यास हो जाने पर अलार्म लगाने की जरूरत भी नहीं पड़ती।

किसी दिन जरूरी कामों से यदि नींद पूरी न कर पाएं तो उसकी भरपाई अगले दिन नींद के घण्टों में बढ़ोतरी से पूर्ण कर लेनी चाहिए। बहुत सारे लोग कम्प्यूटर, मोबाइल, नेट सर्फिंग, चर्चाओं, टीवी शो, देर रात तक घूमने फिरने में व्यस्त रहते हैं और इस कारण आधी रात तक शयन से वंचित रहते हैं।

ऎसे लोगों को बाद में नींद पूरी नहीं आ सकती। ये लोग उनिंदा रहते हैं या सपनों में खोए रहते हैं। फिर नींद पूरी न होने की वजह से सवेरे जल्दी उठ भी नहीं पाते। जो लोग प्रभात का सूरज नहीं देख पाते, उनके जीवन में उजियारा कभी आ ही नहीं सकता।

जो लोग देर तक सोते रहते हैं वे भले ही दौलतमंद कितने ही हो जाएं, कितने ही प्रतिष्ठित और लोकप्रिय क्यो न हो जाएं, मन-मस्तिष्क और शरीर से बीमार रहते हैं और इनके अंग समय से पूर्व शिथिल पड़ जाते हैं।

इसलिए जीवन में नींद का होना जरूरी है। नींद से बढ़कर कोई भी बेहतर चिकित्सा पद्धति नहीं है। आज की सबसे बड़ी समस्या नींद का न होना है। इसके लिए हम भी जिम्मेदार हैं तथा हमारे साथ ही वे लोग भी जिम्मेदार हैं जो रातों को ही जगते हैं, रात में हमसे काम लेते हैं और रात में सोने नहीं देते, किसी न किसी वजह से जगाए रखते हैं।

रात का समय सोने के लिए हैं। जो लोग रात को समय पर नहीं सोते उनके स्वभाव, जीवन और व्यक्तित्व की तुलना यदि निशाचरों से की जाए तो कुछ भी बुरा नहीं होगा। जिन लोगों को सुरक्षा, कानून व व्यवस्था, रात्रिकालीन नौकरी और काम-धंधों में लगना पड़ता है उनकी बात अलग है। स्वस्थ और मस्त रहना चाहें तो भरपूर नींद खुद भी लें, और दूसरों को भी चैन से सोने का समय दें।

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