• November 20, 2018

बिहार ज्ञान की भूमि रही है, इसे फिर से ज्ञान का केंद्र बनाना है:- मुख्यमंत्री

बिहार ज्ञान की भूमि रही है, इसे फिर से ज्ञान का केंद्र बनाना है:- मुख्यमंत्री

पटना————– मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने शेरशाह अभियंत्रण महाविद्यालय, सासाराम के भवन निर्माण के कार्य का शिलान्यास रिमोट के माध्यम से किया। करगहर प्रखंड स्थित उच्च माध्यमिक प्लस टू विद्यालय खराड़ी के प्रांगण में भवन निर्माण विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती हरजोत कौर ने पौधा भेंट कर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। स्थानीय विधायक श्री वशिष्ठ सिंह ने मुख्यमंत्री को शॉल एवं अंगवस्त्र भेंट कर उनका अभिनंदन किया।

जदयू कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को फूलों की बड़ी माला पहनाकर उनका भव्य स्वागत किया।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज इस कार्यक्रम में शामिल होकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि इतिहास में शेरशाह की जो भूमिका रही है उसी को ध्यान में रखते हुए अभियंत्रण महाविद्यालय का नामकरण किया गया है।

शेरशाह का आकस्मिक निधन हो गया लेकिन बहुत ही कम समय में उन्होंने राजपाठ का संचालन कर इंफ्रास्ट्रक्चर, वित्तीय प्रबंधन, आवागमन, जमीन के साथ ही अन्य कई मामलों में बेहतर व्यवस्था का निर्धारण कर इसका अनुपालन किया।

उन्होंने कहा कि शेरशाह अभियंत्रण महाविद्यालय का बहुत ही अच्छा भवन बननेवाला है। इसके लिए 9 एकड़ से भी ज्यादा जमीन उपलब्ध कराई गई है। इसमें 37 हजार 144 वर्ग मीटर में निर्माण कार्य होना है जिसमें 10 हजार 539 वर्ग मीटर में भवन निर्माण, 1600 वर्ग मीटर में खेल का मैदान और 5134 वर्गमीटर ग्रीन एरिया होगा।

महाविद्यालय प्रांगण में बालक छात्रावास, बालिका छात्रावास, ऑडिटोरियम, शिक्षकों एवं कर्मियों के आवासन की व्यवस्था, क्लासरूम, प्रयोगशाला, लाइब्रेरी से लेकर हर तरह के इंतजाम किये जाऐंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भवन का माॅडल देखकर हमें काफी प्रसन्नता हुई है और भवन निर्माण विभाग डिजायन के अनुरूप ही निर्माण कार्य कराए।

उन्होंने कहा कि पहले बिहार में 7 अभियंत्रण महाविद्यालय थे लेकिन अब हर एक जिले में इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेज और 5 नए मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। हम बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के छात्र थे जो देश का छठा सबसे पुराना इंजीनियरिंग कॉलेज है। जब हम अटल जी की सरकार में केंद्र में मंत्री थे तब हमने बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग को एन0आई0टी0 में उत्क्रमित करने का आग्रह किया था।

हमारे समय में 500 विद्यार्थी थे अब उसमें 3900 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। अब उसके कैम्प्स में 6000 विद्यार्थियों के पढ़ने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा कि शेरशाह अभियंत्रण महाविद्यालय में अभी 735 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं और जरूरत के मुताबिक आगे हर सुविधा मुहैया कराई जाएगी। टीचर और अन्य कर्मचारियों की बहाली की जाएगी।
विद्यार्थियों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग समाज मे टकराव और कटुता का माहौल पैदा करने में लगे हैं उससे बचना चाहिए।

हमलोगों ने प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक से लेकर हर स्तर के शिक्षा की व्यवस्था की और अनुदान दिया। उन्होंने कहा कि गरीबी के कारण बिहार के बच्चे आगे की पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे जिसको देखते हुए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत की गई है।

अब उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए राज्य शिक्षा वित्त निगम के माध्यम से 4 लाख रुपये तक की सीमा का स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड 4 प्रतिशत के साधारण ब्याज दर पर दिया जा रहा है। इसमें लड़कियों, दिव्यांगों एवं ट्रांसजेंडर को 1 प्रतिशत ब्याज पर शिक्षा ऋण देने की व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि बिहार का ग्रॉस इनरोलमेंट रेशियो 13.9 है जबकि राष्ट्रीय औसत 24 है। हमारी चाहत है कि बिहार का ग्रॉस इनरोलमेंट रेशियो 30 प्रतिशत हो। उन्होंने कहा कि बिहार ज्ञान की भूमि रही है और हमारा निश्चय है फिर इसे ज्ञान का केंद्र बनाना।

मुख्यमंत्री ने जनसभा में शामिल लोगों को हाथ उठाकर बेटा और बेटी दोनों को पढ़ाने का संकल्प दिलाते हुए कहा कि बेटों की तरह ही बेटियों को पढ़ायें और आगे बढ़ायें। उन्होंने कहा कि बेटियां रहेंगी तभी सृष्टि आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि पोशाक योजना शुरू होने के बाद विद्यालय में लड़के और लड़कियों की संख्या में काफी इजाफा हुआ और जब साइकिल योजना शुरू हुई तब 9वीं क्लास में लड़कियों की संख्या 1 लाख 70 हजार थी जो अब बढ़कर 9 लाख से भी अधिक हो गयी है।

पोशाक योजना की राशि मंे बढोत्तरी की गई है। उन्होंने कहा कि लड़की पैदा होने पर हमलोगों ने उसके माता-पिता के खाते में जन्म के समय 2 हजार रूपये, एक साल बाद आधार से लिंक करने पर 1 हजार रूपये और 2 वर्ष बाद सम्पूर्ण टीकाकरण होने पर पुनः 2 हजार रुपये देने की व्यवस्था सुनिश्चित की है। इंटर पास करनेवाली प्रत्येक अविवाहित लड़की को 10 हजार और ग्रेजुएट होने वाली हर लड़की को 25 हजार रुपये दिया जा रहे हैं।

इस तरह जन्म से स्नातक पास करने तक एक लड़की पर राज्य सरकार 54 हजार 100 रुपये खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि हमारी चाहत है कि बाल-विवाह और दहेज प्रथा पर पूरी तरह से रोक लगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की मांग पर शराबबंदी लागू की गई इसलिए आप सभी को विशेष रूप से सतर्क रहने की आवश्यकता है ताकि गड़बड़ी करनेवालों पर कार्रवाई हो सके। उन्होंने कहा कि इस जिले में जहरीली शराब पीने से लोगो की मौत हुई थी इसलिए आप सभी मिलकर लोगो को समझाइये और उन्हें जागरूक कीजिये।

बापू के बताए सात सामाजिक पापों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सिद्धांत के बिना राजनीति, काम के बिना धन, विवेक के बिना सुख, चरित्र के बिना ज्ञान, मानवता के बिना विज्ञान, नैतिकता के बिना विज्ञान और त्याग के बिना पूजा को गांधी जी ने 7 सामाजिक पाप कहे थे। इसे सभी विद्यालयों में उल्लिखित करवा रहें हैं। अगर 10 प्रतिशत युवा पीढ़ी पर भी इसका असर हो जाएगा तो समाज और देश बदल जायेगा।

भवन निर्माण विभाग को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्धारित समय के अंदर निर्माण का काम पूरा हो जाय तो लोगों को काफी अच्छा लगेगा। लोगों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में प्रेम, शांति और भाईचारे का माहौल कायम रखने के साथ ही सभी धर्मों के प्रति मन में सम्मान का भाव रखियेगा तो बिहार अपने पुराने गौरव को प्राप्त करने में कामयाब होगा।

जनसभा को कृषि एवं रोहतास जिले के प्रभारी मंत्री डॉ0 प्रेम कुमार, उद्योग मंत्री श्री जयकुमार सिंह, भवन निर्माण मंत्री श्री महेश्वर हजारी, परिवहन मंत्री श्री संतोष निराला, विधायक श्री वशिष्ठ सिंह, भवन निर्माण विभाग के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव श्रीमती हरजोत कौर ने भी संबोधित किया।

इस अवसर पर विधायक श्री विनोद कुमार यादव, जदयू जिलाध्यक्ष श्री नागेंद्र चन्द्रवंशी, खराड़ी के मुखिया श्री अरविंद सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के निदेशक श्री अतुल सिन्हा सहित अन्य गणमान्य लोग, वरीय पदाधिकारी, जीविका दीदियां, शेरशाह अभियंत्रण महाविद्यालय के शिक्षकगण, छात्र/छात्राएं एवं स्थानीय लोग उपस्थित थे।

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