• September 12, 2017

फैलोज व्यवहारिक और सैद्धांतिक अनुभवों पर आधारित सुझाव दें

फैलोज व्यवहारिक और सैद्धांतिक अनुभवों पर आधारित सुझाव दें

भोपाल : (अजय वर्मा)————–मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सी.एम. फैलोज की अवधारणा आऊट ऑफ बॉक्स थिंकिंग का परिणाम है। प्रयास है कि योजनाओं और सुशासन के प्रयास की निगरानी और निरीक्षण की संस्थागत व्यवस्था के बाहर से भी मूल्यांकित हो।

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श्री चौहान आज अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन संस्थान में सी.एम. फैलोज के उन्मुखीकरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। फैलोज प्रदेश के सभी जिलों में शासन की योजनाओं का अध्ययन कर मुख्यमंत्री सचिवालय को प्रतिवेदन देंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने फैलोज का आव्हान किया कि गरीबी, गंदगी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद, सम्प्रदायवाद मुक्त भारत के निर्माण के लिये आगे आयें। नवाचारी सुझाव भी दें। श्री चौहान ने कहा कि फैलोज जिले में व्यापक भ्रमण और संपर्क करें। समन्वय बनाकर योजनाओं का फीडबैक एकत्रित करें।

व्यक्तिगत प्रतिभा का उपयोग करते हुए, बदलाव के लिये व्यवहारिक और सैद्धांतिक दोनों आधार पर नये सुझाव और विचार बे-झिझक दें। उन्होंने खुलेमन से विचारशील हों, कार्य करने के लिये कहा। जनता की सेवा का अभूतपूर्व अवसर है, जो फैलोज के भविष्य की अमूल्य निधि बनेगा। व्यवस्थागत सुधारों पर उनके व्यवहारिक विचारों को पूरी गंभीरता से लिया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने पौराणिक आख्यानों, कथाओं और प्रचलित मान्यताओं के विभिन्न प्रसंगों के माध्यम से सकारात्मक सोच, अहंकार से मुक्त, सबको अपना मानते हुए, धैर्य और उत्साह के साथ कार्य करने की प्रेरणा दी। कहा कि सहज व्यवहार मधुर वाणी और संवेदनात्मक दिल के साथ लोगों के बीच जायें। इस राज्य की जनता की बेहतरी में योगदान के इस ऐतिहासिक अवसर का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश की सरकार संवेदनशील सरकार है। जिसमें सारी जनता को परिवार मानते हुए, योजना कार्यक्रमों का संचालन हो रहा है। सामाजिक सुरक्षा और सुशासन के लिये अनेक नवाचारी पहल हुई हैं। जिनका अन्य राज्यों ने भी अनुसरण किया है।

प्रत्येक व्यक्ति को रहने लायक भूमि के मालिकाना हक और समय-सीमा में सेवा की गारंटी के कानून, मेधावी विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा के लिये फीस भरवाने, ऑनलाइन सेवाएँ, सी.एम. हेल्पलाइन, समाधान ऑनलाइन, जन-सुनवाई, लाड़ली लक्ष्मी, स्थानीय निकायों में महिलाओं को आरक्षण आदि योजनाएँ सभी वर्गों की पंचायतें आयोजित कर जन-भागीदारी से करने का नवाचार है।

निश्चित रोड मैप पर चलते हुए, यह सब हुआ है।

बिजली पानी और सड़क की आधारभूत सुविधाएँ, कृषि आय में वृद्धि, महिला सशक्तीकरण, गरीबों का कल्याण सबको रोटी-कपड़ा-मकान, पढ़ाई-लिखाई इलाज के लक्ष्यों पर कार्य किया गया है, जिनके परिणाम मिल रहे हैं। प्रदेश की इस वर्ष अनुमानित कृषि वृद्धि दर 29.08 प्रतिशत है। सिंचित क्षेत्र करीब 40 लाख हेक्टेयर हो गया है। लखपति लाड़ली लक्ष्मियाँ साढ़े चौबीस लाख है।

इस अवसर पर फैलोज के साथ प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने समय प्रबंधन, प्राथमिकताओं का नियोजन, व्यायाम और व्यक्तिगत सोच को आंतरिक ऊर्जा का आधार बताया। जीवन अपने लिये नहीं औरों के लिये है। इस सोच के साथ कार्य करने वाला व्यक्ति सदैव ऊर्जा से भरा रहता है। मुख्यमंत्री ने प्रत्येक सी.एम. फैलोज से व्यक्तिगत परिचय भी प्राप्त किया और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया।

संस्थान के संचालक श्री अखिलेश अर्गल ने बताया कि 18 सितम्बर को प्रत्येक जिले में सी.एम. फैलोज पहुंच जायेंगें। राज्य स्तर पर 15 दिवसीय उन्मुखीकरण का कार्य किया जा रहा है। अगला 10 दिवसीय जिला स्तर पर होगा। आभार प्रदर्शन में संस्थान के प्रधान सलाहकार श्री एम.एम. उपाध्याय ने कहा कि एक व्यक्ति की सोच कितना बड़ा बदलाव ला सकती है, इसका जीवंत उदाहरण प्रदेश की कृषि विकास दर है।

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