प्रेस स्व-नियंत्रित होना चाहिए– प्रधानमंत्री

प्रेस स्व-नियंत्रित होना चाहिए– प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस पर प्रेस काउंसिल द्वारा आयोजित समारोह में हिस्सा लिया। इस मौके पर प्रेस काउंसिल की स्वर्ण जयंती भी मनाई गई। इस अवसर पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने प्रेस की आजादी के मह्त्व पर जोर दिया और कहा कि प्रेस स्व-नियंत्रित होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि प्रेस पर बाहरी हस्तक्षेप और नियमन नहीं नहीं होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने हाल के दिनों में देश के अलग-अलग हिस्सों में पत्रकारों की हत्या पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सच्चाई बताने वाले पत्रकार का अपनी जान गंवाना बेहद ही गंभीर मसला है।
2
इससे पहले केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि मीडिया में स्व-नियंत्रण ही सबसे बेहतर नीति है। इससे पत्रकारिता की नैतिकता और लोकतांत्रिक आदर्श सुरक्षित रहेंगे। सरकार संचार के किसी भी माध्यम पर किसी तरह की रोक का समर्थन नहीं करती है लेकिन देश की एकता, संप्रभुता, सुरक्षा और कानून व्यवस्था की स्थिति को ध्यान में रखते हुए संयम बरतने की जरूरत है।

मीडिया की जिम्मेदारी पर विस्तार से बोलते हुए श्री नायडू ने कहा कि मुंबई आतंकी हमले की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रसारण को लेकर माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी एतराज जताया था, जिसमें कहा गया था टीवी चैनल इस तरह की आतंकी वारदात की हालत में अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर दिखाकर खुद को पाक साफ नहीं ठहरा सकते। उन्होंने पठानकोट कवरेज पर भी ध्यान दिलाते हुए कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की ऐसी कवरेज से आम नागरिकों और सैनिकों की जान खतरे में पड़ सकती है।

इस अवसर पर मंत्री महोदय ने भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में क्षेत्रीय मीडिया की भूमिका के बारे में भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्थानीय समुदायों और स्थानीय भाषा के साथ अपनी निकटता के कारण मीडिया की भूमिका क्षेत्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण हो जाती है जिससे नागरिकों की भागीदारी क्षमता बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों तक पहुँचने के माध्यम से क्षेत्रीय मीडिया स्वस्थ्य लोकतंत्र के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

सरकार की नई प्रिंट मीडिया विज्ञापन नीति के बारे में, श्री नायडू ने कहा कि यह पैनल प्रक्रिया में छूट प्रदान कर क्षेत्रीय भाषाओं / बोलियों, छोटे और मध्यम समाचार पत्रों को समान रूप से विशेष प्रोत्साहन प्रदान करेगा।

सोशल मीडिया द्वारा की पेश किए गये अवसरों के बारे में मंत्री महोदय ने कहा कि यह संचार का नया उपकरण है जो सहज और क्रियात्मक है। इस तरह के माध्यम में अवसर और चुनौतिया दोनों होती हैं। संचार की इस विधा को व्यापक राष्ट्रीय हित और व्यक्तिगत भलाई के लिए विवेकपूर्ण तरीके से इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

इस अवसर पर सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़, और भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति सी के. प्रसाद भी उपस्थित थे। इस अवसर पर पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए प्रमुख पत्रकारों और फोटो पत्रकारों को सम्मानित किया गया, जिनमें श्री सुरेन्द्र निहाल सिंह, श्रीमती मृणाल पांडे, श्री रघु राय, श्री रंजीत जॉन, श्री अरविंद कुमार सिंह, श्री जेवियर सेल्वा कुमार शामिल थे।

Related post

केरल के पूर्व वित्त मंत्री डॉ. थॉमस इसाक को मसाला बांड मामले में छठा समन

केरल के पूर्व वित्त मंत्री डॉ. थॉमस इसाक को मसाला बांड मामले में छठा समन

प्रवर्तन निदेशालय ने  27 मार्च को केरल के पूर्व वित्त मंत्री डॉ. थॉमस इसाक को मसाला…
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की बेटी वीणा विजयन की मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच शुरू

मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की बेटी वीणा विजयन की मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच शुरू

प्रवर्तन निदेशालय ने  27 मार्च को केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की बेटी वीणा विजयन की…
म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने के लिए लगभग 3.7 बिलियन डॉलर खर्च करने की योजना : वीजा-मुक्त नीति  समाप्त

म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने के लिए लगभग 3.7 बिलियन डॉलर खर्च करने की योजना :…

नई दिल्ली   (रायटर्स) – भारत ने लगभग एक दशक के भीतर म्यांमार के साथ अपनी 1,610…

Leave a Reply