• October 8, 2017

न्यायालयों में लंबित मामलों के त्वरित गति से निराकरण हेतु कमेटी गठित

न्यायालयों में लंबित मामलों के त्वरित गति से निराकरण हेतु कमेटी गठित

बिलासपुर : छ.ग. उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस श्री टीबी राधाकृष्णन के दिशा-निर्देशन एवं मार्गदर्शन में राज्य के जिला एवं अधिनस्थ न्यायालयों में 10 वर्ष से अधिक एवं 5 से 10 वर्ष के बीच लंबित समस्त मामलों के त्वरित गति से निराकरण करने हेतु जस्टिस संजय कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में डीले एण्ड एरियर्स कमेटी गठित की गई है।

जिला एवं अधीनस्थ न्यायालयों में पुराने प्रकरणों को समयबद्ध तरीके से निराकृत करने के लिए बनाई गई कार्ययोजना की जानकारी देते हुए कमेटी के सचिव श्री वेन्सेस्लास टोप्पो ने बताया कि विगत् जुलाई माह में पूरे राज्य में एक्शन प्लान तैयार किया गया था। माह जून 2017 तक राज्य के समस्त जिला एवं अधीनस्थ न्यायालयों में 10 वर्ष से अधिक पुराने लंबित प्रकरणों की संख्या 15066 थी।

एक्शन प्लान के क्रियान्वित होने के पश्चात् दो माह के भीतर 3339 प्रकरण निराकृत किये गये। इसी प्रकार 5 से 10 वर्ष तक के पुराने लंबित 37 हजार 252 प्रकरणों में से दो माह के भीतर 3866 प्रकरण निराकृत किये गये।

कमेटी ने उन न्यायालयों में जहां पुराने प्रकरण अधिक संख्या में लंबित हैं, वहां न्यायाधीशों के रिक्त पदों को भरे जाने या अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किये जाने हेतु एवं विद्युत अधिनियम के तहत् लंबित प्रकरणों के शीघ्र निराकरण हेतु अतिरिक्त संख्या में विशेष न्यायालय अधिसूचित करने की अनुशंसा की है।

कमेटी के पहल पर न्यायालयों में लंबित ऐसे प्रकरण जिनकी कार्यवाही उच्च न्यायालय के आदेशों के पालन में स्थगित कर दी जाती है, उनके संबंध में समय पर समुचित जानकारी के आदान-प्रदान हेतु एक साफ्टवेयर जो एन्ट्री मोड्यूल है, उच्च न्यायालय के कम्प्यूटर सेल के द्वारा तैयार किया गया है, जिसमें ऐसे स्थगित प्रकरणों के संबंध में समय पर विचारण हेतु न्यायालयों एवं उच्च न्यायालय के संबंधित सेक्शन्स से एक ही जगह पर जानकारी भर सकते हैं एवं ऐसे प्रकरणों की अद्यतन स्थिति की जानकारी ले सकते हैं।

मुख्य न्यायाधीश के मार्गदर्शन में अधीनस्थ न्यायालयों में स्पेशल लिस्ट सिस्टम लागू किया गया है। इस लिस्ट में ऐसे मामले रखें जाते हैं, जो सुनवाई हेतु सभी दृष्टि से तैयार होते हैं। लिस्ट में प्रकरण एक बार शामिल कर लिये जाने पश्चात् उसमें स्थगन नहीं दिया जाता है तथा ऐसे प्रकरणों की सुनवाई दिन-प्रतिदिन करने का प्रयास किया जाता है। जब तक की वे अंतिम रूप से निराकृत नहीं कर दिये जाते हैं।

कमेटी के सचिव श्री टोप्पो ने कहा कि एक्शन-प्लान के अनुसार जिला एवं अधीनस्थ न्यायालयों के समस्त पुराने प्रकरणों को निराकृत करने हेतु जिला स्तर पर भी कार्य-योजना बनाये गये हैं। राज्य के समस्त जिला एवं अधीनस्थ न्यायालयों में निर्धारित लक्ष्य समय पर हासिल करने का प्रयास किया जायेगा।

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