दिव्‍यांग छात्रों के लिए सरकार प्रतिबद्ध— मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर

दिव्‍यांग छात्रों के लिए  सरकार प्रतिबद्ध—  मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर

दिल्ली —मानव संसाधन विकास मंत्रालय )——- केन्‍द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने उत्तर प्रदेश में चित्रकूट स्थित जगतगुरु रामभद्राचार्य विक्‍लांग विश्‍वविद्यालय के छठे दीक्षांत समारोह में छात्रों को सम्‍मानित किया।

इस अवसर पर उन्‍होंने माननीय प्रधानमंत्री के अधीन सुगम्‍य भारत अभियान के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्‍होंने कहा कि जानकारी तक मुक्‍त पहुंच की अनुमति देने के लिए सरकार ने दिव्‍यांग छात्रों के लिए पुस्‍तकों को कॉपीराइट अधिनियम के दायरे से बाहर रखा है।download (1)

उन्‍होंने यह भी उल्‍लेख किया कि मानव संसाधन मंत्रालय दिव्‍यांग छात्रों के लिए छात्रवृत्ति बढ़ाने के लिए काम कर रहा है। उन्‍होंने कहा कि विशेषज्ञों की एक समिति पाठ्यक्रम की समीक्षा करेगी जो दिव्‍यांग छात्रों की शिक्षा का एक महत्‍वपूर्ण घटक है।

श्री जावड़ेकर ने कहा कि वर्तमान में 128 ईओसी विभिन्‍न विश्‍वविद्यालयों में कार्य कर रहे हैं। वंचित सामाजिक समूहों की बाधाओं और जरूरतों के प्रति कॉलेजों और विश्‍वविद्यालयों को अधिक उत्तरदायी बनाने के लिए यूजीसी ने समान अवसर प्रकोष्‍ठ स्‍थापित करने के लिए संस्‍थानों को वित्तीय सहायता प्रदान की है ताकि वंचित समूहों के लिए नीतियों और कार्यक्रमों को प्रभावी तरीके से लागू करने की निगरानी की जा सके और उन्‍हें शैक्षिक, वित्तीय, सामाजिक और अन्‍य मामलों में मार्गदर्शन तथा अन्‍य जानकारी उपलब्‍ध कराई जा सके। समान अवसर प्रकोष्‍ठों के कार्यालय स्‍थापित करने के लिए 2 लाख रुपये का एक मुश्‍त अनुदान उपलब्‍ध कराया जायेगा।

उन्‍होंने श्री रामभद्राचार्य द्वारा दिव्‍यांग बच्‍चों के लिए शिक्षा क्षेत्र में किये गये कार्य की सराहना करते हुए कहा कि उनकी सेवाओं को मान्‍यता देने के लिए भारत सरकार ने उन्‍हें पद्म विभूषण से सम्‍मानित किया था।

उन्‍होंने कहा कि उनका मंत्रालय जगतगुरु रामभद्राचार्य विक्‍लांग विश्‍वविद्यालय को केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालय बनाने के किसी भी प्रस्‍ताव पर विचार करेगा ताकि दिव्‍यांग छात्रों की शिक्षा में और सुधार लाया जा सके। इस विश्‍वविद्यालय ने अनुकरणीय आदर्श स्‍थापित किए हैं जहां लगभग पांच हजार दिव्‍यांग छात्रों को शिक्षित किया गया है, सफलतापूर्वक नियोजित करके सशक्‍त बनाया गया है।

उन्‍होंने विश्‍वविद्यालय के शिक्षकों के प्रति भी अपना आभार व्‍यक्‍त किया जिन्‍होंने दिव्‍यांग बच्‍चों को पढ़ाने की जिम्‍मेदारी का अच्‍छी तरह निर्वहन किया है।

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