ग्लोबल स्किल डेवलपमेंट एंड पार्टिसिपेशन समिट —रोजगार सृजन के लिये जर्मनी और सिंगापुर मॉडल

ग्लोबल स्किल डेवलपमेंट एंड पार्टिसिपेशन समिट —रोजगार सृजन के लिये जर्मनी और सिंगापुर  मॉडल

भोपाल————-मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है। इसके लिये प्रदेश में रोजगार सृजन के लिये जर्मनी और सिंगापुर दोनों मॉडलों को लागू किया जायेगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज यहाँ ग्लोबल स्किल डेवलपमेंट एंड पार्टिसिपेशन समिट 2017 का समापन कर रहे थे। प्रदेश में इस तरह की समिट पहली बार की गई है। समिट में विभिन्न क्षेत्रों में 619 इन्टेंशन टू इम्प्‍लायमेंट हुए, जिनसे 5 लाख 70 हजार 627 युवाओं को रोजगार मिलेगा। साथ ही 392 इन्टेंशन टू स्किल डेवलपमेंट हुए, जिनसे 5 लाख 54 हजार 185 युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जायेगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिये प्रतिबद्ध है। प्रदेश में राज्य रोजगार निर्माण बोर्ड को और अधिक सशक्त बनाया जायेगा। इस समिट के माध्यम से रोजगार देने वाले उद्योगों तथा युवाओं के बीच एक प्लेटफार्म निर्मित किया गया है। 1

दुनिया में रोजगार देने के दो मॉडल चर्चित हैं। जर्मनी मॉडल में सरकार युवाओं को कौशल संवर्धन के लिये प्रशिक्षण देती है तथा उद्योग उन्हें रोजगार देते हैं। सिंगापुर मॉडल में राज्य सरकार रोजगार की आवश्यकताओं का आंकलन करती है तथा फिर प्रशिक्षण देती है। प्रशिक्षण के बाद युवाओं को रोजगार मिलता है। वहाँ हर तीन साल में उद्योगों की आवश्यकताओं का आंकलन किया जाता है और उसके अनुसार प्रशिक्षण के ट्रेड निर्धारित किये जाते हैं। मध्यप्रदेश में इन दोनों मॉडलों को अलग-अलग लागू किया जायेगा।

प्रदेश में सिंगापुर की सहायता से करीब 600 करोड़ की लागत से भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क निर्मित किया जायेगा। प्रदेश में असंगठित क्षेत्र में भी रोजगार के लिये प्रशिक्षण दिया जायेगा।

एम.ओ.यू. की हर माह मॉनिटरिंग होगी

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में अगले दो-तीन वर्षों में नगरीय विकास के क्षेत्र में 86 हजार करोड़ रुपये तथा ग्रामीण विकास के क्षेत्र में एक लाख करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे। इस ग्लोबल समिट में किये गये एमओयू की हर माह मॉनिटरिंग की जायेगी।

रोजगार निर्माण बोर्ड और तकनीकी शिक्षा विभाग नोडल एजेंसी होंगे। अगले वर्ष मई माह के अंत में इस समिट का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया जायेगा। कार्ड में जानकारी दी जायेगी कि इसके माध्यम से कितने युवाओं को रोजगार मिला। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं के लिये रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध करवाये जायेंगे।

तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास राज्य मंत्री श्री दीपक जोशी ने कहा कि भारत में पीढ़ियों से हुनर देकर सबको काम देने की परंपरा रही है। प्रदेश में इंजीनियरिंग और पॉलीटेक्निक कॉलेजों को गुणवत्तापूर्ण बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। प्रदेश में प्रत्येक संभाग में एक कार्यशाला की जायेगी, जिसके माध्यम से उद्योगों की आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षण का आकलन किया जायेगा।

मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह ने समिट के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि समिट में कौशल विकास और प्रशिक्षण के 22 एमओयू हुए हैं। समिट में देशभर के आये करीब ढाई हजार प्रतिनिधियों ने भाग लिया। कार्यक्रम को नेशनल स्किल डेव्लपमेंट काउंसिल के अध्यक्ष श्री गौरव कपूर ने भी संबोधित किया।

समापन समारोह में मुख्यमंत्री श्री चौहान की उपस्थिति में चार एमओयू किये गये। इनमें तकनीकी शिक्षा विभाग और सीआईआई के बीच कौशल उन्नयन, प्रकाश एसफाल्टिंग एंड टोल हाइवेज और मध्यप्रदेश कौशल विकास मिशन के बीच कौशल प्रशिक्षण, सेंट्रल इंस्टीटयूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नालॉजी और मध्यप्रदेश कौशल विकास मिशन के बीच कौशल विकास तथा एसोसियेशन ऑफ इंडस्ट्रीज ऑफ मध्यप्रदेश और मध्यप्रदेश कौशल विकास विभाग के बीच प्रशिक्षण के लिये किये गये एमओयू शामिल हैं।

इस मौके पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल, महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनिस, राज्य पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष श्री तपन भौमिक, राज्य रोजगार निर्माण बोर्ड के अध्यक्ष श्री हेमंत देशमुख सहित उद्योग जगत के प्रतिनिधि उपस्थित थे। आभार प्रमुख सचिव वाणिज्य एवं उद्योग श्री मोहम्मद सुलेमान ने माना। कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बढ़ईगिरि मोबाइल वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

सेमीनार

विनिर्माण क्षेत्र में कौशल विकास और रोजगार के अवसर।

मध्यप्रदेश में रोजगारोन्मुखी उच्च शिक्षा।

मध्यप्रदेश में स्व-रोजगार के अवसर।

कुशल जनशक्ति की भर्ती में अवसर और चुनौतियाँ।

मध्यप्रदेश में महिलाओं के लिये कौशल उन्नयन एवं रोजगार।

पर्यटन-कौशल विकास और रोजगार के अवसर विषय पर सेमीनार हुए।

रोजगार/कौशल विकास आशय प्रस्ताव

619 रोजगार आशय प्रस्ताव –जिनमें लगभग 5,70,627 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध होगा।

392 कौशल विकास आशय प्रस्ताव –इनमें 5,54,185 व्यक्तियों को कौशल विकास प्रदान किया जायेगा।

कौशल विकास के लिये हुए प्रमुख एम.ओ.यू.

1. एमपी प्लास्टिक पार्क डेव्हलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड एवं सेन्ट्रल इन्स्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक्स इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (सीपेट), भोपाल के मध्य कौशल विकास के लिये।

2. कॉन्‍फेडरेशन ऑफ इंडियन इण्डस्ट्रीज (सीआईआई) एवं मध्यप्रदेश ट्रेड एण्ड इनवेस्टमेंट फेसिलिटेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (मध्यप्रदेश शासन का उपक्रम) के मध्य बहुउद्देशीय कौशल केन्द्र की स्थापना के लिये।

3. टाटा स्ट्राइव एवं मध्यप्रदेश काउंसिल फॉर वोकेशनल एज्यूकेशन एण्ड ट्रेनिंग के मध्य मध्यप्रदेश की औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं (आईटीआईस) में प्रशिक्षण के लिये सहायता के लिये।

4. प्रकाश एसफाल्टिंग एण्ड टोल हाईवेस लिमिटेड एवं मध्यप्रदेश स्टेट स्किल डेव्हलपमेंट मिशन (एमपीएसएसडीएम) के मध्य कौशल विकास प्रशिक्षण करवाने के लिये।

5. सीबीएसएल ग्रुप एवं मध्यप्रदेश स्टेट स्किल डेव्हलपमेंट मिशन (एमपीएसएसडीएम) के मध्य आईटीआई में शिक्षारत विद्यार्थियों की केपेसिटी निर्माण एवं करियर गाईडेन्स के लिये।

6. एसोसिएशन ऑफ इण्डस्ट्रीज मध्यप्रदेश एवं मध्यप्रदेश स्टेट स्किल डेव्हलपमेंट मिशन (एमपीएसएसडीएम) के मध्य विद्यार्थियों को ऑटोमोबाइल, मशीनरी एवं अन्य विनिर्माण क्षेत्र का प्रशिक्षण कराने के लिये।

7. मध्यप्रदेश स्टेट स्किल डेव्हलपमेंट मिशन (एमपीएसएसडीएम) एवं टाटा कन्सल्टेंसी सर्विसेज के मध्य टीसीएस के माध्यम से 25,000 युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के लिये।

8. जेबीएम ऑटो लिमिटेड एवं मध्यप्रदेश स्टेट स्किल डेव्हलपमेंट मिशन (एमपीएसएसडीएम) के मध्य ऑटोमोबाईल क्षेत्र में कौशल विकास प्रशिक्षण के लिये।

9. महिला एवं बाल विकास विभाग एवं मध्यप्रदेश स्टेट स्किल डेव्हलपमेंट मिशन (एमपीएसएसडीएम) के मध्य 50,000 महिलाओं को लघु अवधि कौशल विकास प्रशिक्षण उपलब्ध करवाने के लिये।

10. नेशनल एकेडमी ऑफ कन्सट्रक्शन एवं मध्यप्रदेश स्टेट स्किल डेव्हलपमेंट मिशन (एमपीएसएसडीएम) के मध्य निर्माण क्षेत्र में कौशल विकास प्रशिक्षण के लिये।

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