• November 2, 2017

ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट (ग्राम) 7 से 9 नवम्बर

ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट (ग्राम) 7 से 9 नवम्बर

2 नवम्बर, 2017————–राज्य सरकार ने विगत चार वर्षो में हर वर्ग के विकास को लेकर प्रभावी कदम उठाते हुए सार्थक प्रयास किए और प्रदेश के बहुआयामी विकास की अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया है।

संवेदनशील राज्य सरकार ने कृषकों के हितों को ध्यान में रखकर तथा कृषि क्षेत्र में नवाचारों एवं उद्यम को बढ़ावा देने, किसानों को तकनीकी से रूबरू कराने तथा उनके आर्थिक उत्थान को लेकर प्रभावी कदम उठाते हुए प्रदेश में पहली बार ‘ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट‘ (ग्राम) का आयोजन किया। इस आयोजन से किसानों को जहां कृषि की नवीनतम जानकारियों को जानने का मौका मिला, वहीं कृषि उद्यमिता को बढ़ावा के लिए भी मंच मिला।

गत वर्ष जयपुर में ‘ग्राम 2016‘ की आशातीत सफलता के बाद अब ‘ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट‘ (ग्राम) का आयोजन सम्भागीय स्तर पर भी किये जा रहे हैंं। सम्भागीय स्तर के ‘ग्राम‘ का आयोजन सर्वप्रथम कोटा में इस वर्ष मई माह में किया गया था। इसी श्रृंखला में दूसरे ‘ग्राम‘ का आयोजन अब उदयपुर में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में 7 से 9 नवंबर को किया जा रहा है।

किसानों को सशक्त करना उद्देश्य
“ग्राम उदयपुर” के आयोजन का प्रमुख उद्देश्य किसानों को सशक्त बनाने के लिए कृषि की आधुनिक नवीनतम तकनीकी जानकारी प्रदान कर वर्ष 2022 तक उनकी आय को दोगुना करना है। इस आयोजन के जरिए कृषि क्षेत्र में उदयपुर सम्भाग (बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डुंगरपुर, प्रतापगढ़, राजसमंद और उदयपुर जिलों) की क्षमताएं प्रदर्शित की जाएंगी।

इस विशाल आयोजन के माध्यम से उदयपुर सम्भाग के किसान कृषि क्षेत्र में अपनाई जा रही नवीनतम तकनीकी जानकारियों और श्रेष्ठ कार्यप्रणालियां जान कर स्वयं को सशक्त बना सकेंगे। यह आयोजन उदयपुर सम्भाग में कृषि विकास में गुणात्मक वृद्धि करेगा। इस आयोजन के जरिए कृषि से जुड़े सभी सम्बद्ध पक्षों जैसे उदयपुर और आस-पास के किसान, शिक्षाविद, तकनीकी विशेषज्ञ, कृषि व्यवसाय से जुड़ी कम्पनियां और नीति निर्धारक एक मंच पर एकत्रित होेंंगे।

आयोजन का वृहद विजन
‘ग्राम‘ के आयोजन का विजन इस संभाग के किसानों को कृषि की अत्याधुनिक तकनीकाें और बेस्ट प्रेक्टिसेज के बारे में जानकारी देना है। यह आयोजन कृषि क्षेत्र में नवाचारों एवं उद्यमितापूर्ण समाधानों को प्रदर्शित करने का मंच साबित होगा। इसमें विभिन्न कृषि कम्पनियों को स्वयं को प्रमोट करने और प्रमोटर्स ढूंढने में सहायता मिलेगी।

उन्हें अपने जैसा ही कार्य कर रही कम्पनियों के साथ ज्वाइंट वेंचर करने में भी सहायता मिलेगी। ‘ग्राम‘ कृषि में अकादमिक और अनुसंधान आधारित अध्ययन का केन्द्र भी बनेगा। सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि यहां कृषि और अन्य सहायक गतिविधियों को प्रदर्शित एवं प्रचारित किया जा सकेगा।

ग्राम उदयपुर के प्रमुख आकर्षण
तीन दिन चलने वाले “ग्राम उदयपुर” में कृषि से संबंधित प्रदर्शनियां, सम्मेलन, जाजम बैठकें, स्मार्ट फार्म और उद्योग आधारित चर्चाएं होंगी। प्रदर्शनियों में कृषि, कृषि प्रसंस्करण और पशुपालन क्षेत्र में स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप नवीनतम तकनीकें और उपकरण प्रदर्शित किए जाएंगे।

इस मीट में राजस्थान के किसानों और कृषि उद्यमियों द्वारा स्थानीय स्तर पर विकसित उत्पाद भी प्रदर्शित किए जाएंगे। आयोजन में कृषि सम्बंधित सुझावों, संरक्षित खेती, सिंचाई, प्लास्टिकल्चर, कृषि मशीनरी, पोस्ट हार्वेस्टिंग टेक्नोलॉजीज और उपकरण, कृषि विविधीकरण और रिटेलर्स, डेयरी एवं पशुपालन और खाद्य एवं खाद्य प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों आदि की प्रदर्शनियां लगाई जाएंगी।

‘स्मार्ट फार्म’ से रूबरू होंगे किसान
‘ग्राम‘ उदयपुर में स्मार्ट फार्म में किसानों को नए आकर्षण देखने को मिलेंगे। स्मार्ट फार्म में फोरेस्ट प्रोडक्ट, हाइब्रिड मक्का के बीज उत्पादन की तकनीक, पर्ल कल्चर, सोयाबीन के प्रोसेस्ड खाद्य उत्पाद, ‘आर्गेनिक डूंगरपुर‘ और मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान (एमजेएसए) के बारे में बताया जाएगा।

1200 वर्गमीटर क्षेत्र में फैला ‘स्मार्ट फार्म’ ‘कृषि आय दोगुना करने‘ की थीम पर आधारित होगा। यहां राजस्थान सरकार की विभिन्न रणनीतियों कोे प्रदर्शित किया जायेगा। इन रणनीतियों में ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप‘ (बूंद-बूंद सिंचाई, जल संरक्षण और एमजेएसए के माध्यम से), मृदा स्वास्थ्य (मृदा जांच प्रयोगशललाओं, मृदा स्वास्थ्य कार्ड और आर्गेनिक खेती के माध्यम से ), कटाई पश्चात् कम नुकसान और मूल्य संवर्धन (प्रोसेसिंग तकनीक और विभिन्न फसलों से प्राप्त उत्पादों के माध्यम से), ई-नाम के माध्यम से नेशनल फार्म मार्केटिंग (इलेक्ट्रोनिक-नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट के जरिए) और अन्य सहायक कृषि गतिविधियों (डेयरी, मधुमक्खी पालन, मछली पालन, मशरूम उत्पादन और पशुपालन के माध्यम से) शामिल है।

प्रीशिजन एग्रीकल्चर (आधुनिक कृषि मशीनरी, उपकरण और प्रोटेक्टेड कल्टीवेशन के माध्यम से), क्लीन एनर्जी (सोलर पावर और बायोगैस के माध्यम से), नर्सरी और फलों के बागान भी स्मार्ट फार्म में लोगोें को बड़ी संख्या में आकर्षित करेंगे।

चार हजार वर्ग मीटर से अधिक में होगी एग्जीबिशन
ग्राम एक्जीबिशन 4000 वर्ग मीटर से ज्यादा क्षेत्र में लगाई जाएगी। इसके अतिरिक्त इसमें 3200 वर्गमीटर का खुला स्थान भी होगा। इसमें विभिन्न सरकारी एवं निजी कम्पनियां अपनी स्टॉल्स लगा कर कृषि सुझाव, प्रोटेक्टेड कल्टीवेशन, सिंचाई, प्लास्टीकल्चर, प्रीशिजन फार्मिंग, फार्म मशीनरी, कटाई पश्चात की तकनीकें और उपकरण, कृषि विविधता, रिटेलर्स, डेयरी और पशुधन तथा फूड एवं फूड प्रोसेसिंग तकनीकें प्रदर्शित करेंगी।

बहुपयोगी होगा “ग्राम उदयपुर” कृषक समूहों, प्रगतिशील कृषकों, इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधाएं जैसे कोल्ड चेन, भण्डारगृह, ग्रामीण गोदाम आदि विकसित करने वाले, कमोडिटी बोर्ड, एपीईडीए, एफएओ, आईएफएडी जैसी विकास एजेंसियों के लिये यह आयोजन बेहद उपयोगी साबित होगा। इसी तरह राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के अनुसंधान केन्द्रों के वरिष्ठ विशेषज्ञों, वित्तीय संस्थानों जैसे बैंक, नाबार्ड, सिडबी, राज्य के कृषि विश्वविद्यालयोें और कृषि प्रबंध महाविद्यालयो से जुड़े शिक्षाविदों, भारतीय और विदेशी कृषि व्यापार और फूड कम्पनियों के लिए यह आयोजन काफी उपयोगी सिद्ध होगा।

Related post

एशिया पर रहा जलवायु, मौसमी आपदाओं का सबसे अधिक प्रभाव: संयुक्त राष्ट्र

एशिया पर रहा जलवायु, मौसमी आपदाओं का सबसे अधिक प्रभाव: संयुक्त राष्ट्र

लखनऊ (निशांत सक्सेना)  ———   संयुक्त राष्ट्र की संस्था विश्व मौसम विज्ञान संगठन की एक नई रिपोर्ट…
क्लीन एनेर्जी ट्रांज़िशन में कर्नाटक और गुजरात सबसे आगे

क्लीन एनेर्जी ट्रांज़िशन में कर्नाटक और गुजरात सबसे आगे

लखनऊ (निशांत सक्सेना)——–   कर्नाटक और गुजरात ने एक बार फिर क्लीन एनेर्जी ट्रांज़िशन की दिशा में…
प्लास्टिक नहीं, धरती बचाओ!

प्लास्टिक नहीं, धरती बचाओ!

लखनऊ (निशांत सक्सेना):—  कुछ दिन पहले ही दुबई में एक दिन में इतनी बारिश हो गयी…

Leave a Reply