• November 16, 2018

एन0आई0टी0 पटना को आप सब मिलकर टाॅप ग्रेड के स्थान पर पहुॅचायेंगे:- मुख्यमंत्री

एन0आई0टी0 पटना को आप सब मिलकर टाॅप ग्रेड के स्थान पर पहुॅचायेंगे:- मुख्यमंत्री

पटना—:- राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद, राज्यपाल श्री लालजी टंडन एवं मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ज्ञान भवन, सम्राट अषोक कन्वेंषन केन्द्र में आयोजित एन0आई0टी0 पटना के 8वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुये।

दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुये राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने कहा कि राष्ट्रपति के रूप में बिहार आना मेरे लिये सुखद अनुभव लगता है। बिहार के प्रति मेरा विषेष लगाव है।

राज्यपाल रहने के दौरान मुझे बिहार को नजदीक से जानने एवं समझने का मौका मिला है। बिहार मेधा की भूमि रही है। बिहार का गौरव देष में अपनी एक अलग पहचान बनाता है। बिहार षिक्षा का एक बड़ा केन्द्र रहा है।

राष्ट्रपति ने एन0आई0टी0 के छात्रों को ईमानदारी से काम करने का सुझाव दिया। राष्ट्रपति ने षिक्षा के क्षेत्र में लड़कियों को और आगे लाने के लिये विषेष बल दिया। दीक्षांत समारोह को राज्यपाल श्री लालजी टंडन ने संबोधित करते हुये कहा कि षिक्षा के क्षेत्र में मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार ने इतने कार्य किये हैं कि उनका नाम नये भारत के निर्माण करने वालों में दर्ज किया जायेगा।

दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुये मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार ने कहा कि सबसे पहले इस कन्वोकेषन कार्यक्रम में राष्ट्रपति जी का अभिनंदन करता हूॅ। हम सबके लिये यह गौरव की बात है कि राष्ट्रपति जी पहले यहाॅ के राज्यपाल थे और राजभवन से सीधे उन्होंने भारत के राष्ट्रपति का कार्यभार संभाला।

उन्होंने कहा कि एन0आई0टी0 पटना की शुरूआत 1886 में एक सर्वे टेªनिंग स्कूल के रूप में हुयी थी, जिसे बाद में उत्क्रमित कर 1923 में बिहार काॅलेज आॅफ इंजीनियरिंग कर दिया गया। मैं भी बिहार काॅलेज आॅफ इंजीनियरिंग का छात्र रहा हूॅ। यह देष का छठा सबसे पुराना इंजीनियरिंग इंस्टीच्यूट है। यह संस्थान प्रारंभ से ही राष्ट्रीय स्वरूप में था। बिहार के बाहर के छात्र भी उड़ीसा, जम्मू-कष्मीर, नेपाल के कोटा के अन्तर्गत यहाॅ पढ़ते थे। उस समय के पढ़ने वाले छात्र आज भी हमलोगों के संपर्क में मित्रवत हैं। उन्होंने कहा कि इस संस्थान की अपनी अहमियत रही है।

रूड़की इंस्टीच्यूट उस समय देष में दूसरे स्थान पर था लेकिन सिविल इंजीनियरिंग के मामले में बिहार काॅलेज आॅफ इंजीनियरिंग का अपना महत्व था। मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल जी की सरकार में हम केन्द्रीय मंत्री थे, उस दौरान उस समय के षिक्षा मंत्री डाॅ0 मुरली मनोहर जोषी जी से मैंने विषेष निवेदन किया था कि इस पुराने संस्थान को एन0आई0टी0 में उत्क्रमित कर दिया जाय। उस समय रिजनल इंजीनियरिंग काॅलेज को ही एन0आई0टी0 में उत्क्रमित करने का प्रावधान था।

बिहार काॅलेज आॅफ इंजीनियरिंग रिजनल काॅलेज नहीं होने के कारण इस पैमाने पर खरा नहीं उतर पा रहा था लेकिन मेरे विषेष पहल को स्वीकार करते हुये इस संस्थान को एनआई0टी0 का दर्जा मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे समय में इस संस्थान में पाॅच सौ विद्यार्थी पढ़ते थे, अब करीब 3,917 छात्र-छात्रायें यहाॅ पढ़ रहे हैं। जब यह संस्थान अपने नये जगह पर बन जायेगा तो इसमें करीब छह हजार छात्र-छात्रायें पढ़ाई करेंगे। मैं इस संस्थान का पुराना छात्र होने के नाते फरवरी के पहले रविवार को होने वाले एल्युमिनी मीट में शामिल होता हूॅ।

उन्होंने कहा कि बिहार में आई0आई0टी0 की स्थापना के लिये भी हमने उस समय के षिक्षा मंत्री श्री अर्जुन सिंह जी से काफी निवेदन किया था, जिसमें उनका काफी सहयोग मिला था। बी0आई0टी0 मेसरा का ब्रांच भी यहाॅ खोला गया। ट्रिपल आई0आई0टी0 भी भागलपुर में खोला जा रहा है। उन्होंने कहा कि बिहार में जी0ई0आर0 13.9 प्रतिषत है, जबकि राष्ट्रीय औसत 24 प्रतिषत है। राज्य में उच्च षिक्षा को बढ़ावा देने के लिये प्रत्येक जिले में इंजीनियरिंग काॅलेज खोले जा रहे हंै।

सात निष्चय योजनान्तर्गत स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत चार प्रतिषत की साधारण ब्याज दर पर चार लाख रूपये का षिक्षा ऋण मुहैया कराया जा रहा है, जिसमें दिव्यांगों, ट्रांसजेंडरों एवं महिलाओं के लिये यह ऋण एक प्रतिषत के साधारण ब्याज दर पर उपलब्ध होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि एन0आई0टी0 कैम्पस में छात्र जिस तरह से पढ़ाई कर रहे हैं और जिस तरह की यहाॅ व्यवस्था है, उसमें मुझे जानकारी मिली है कि इस कैम्पस से 90 प्रतिषत छात्रों के इम्प्लायमेंट का सेटलमेंट हो जाता है।

उन्होंने कहा कि यहाॅ के ही पूर्ववर्ती छात्र परमाणु ऊर्जा विभाग के चेयरमैन श्री रत्न कुमार सिन्हा जी रहे हैं। पद्मश्री मानस कुमार वर्मा जी डी0आर0डी0ओ0 के वैज्ञानिक रहे हैं, जिन्हें हाल ही में षिक्षा दिवस के अवसर पर सम्मानित किया गया है। वे अवकाष प्राप्त कर अपने गाॅव में रहकर लोगों को षिक्षित कर रहे हैं, इससे नई पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि इस एन0आई0टी0 पटना को आप सब मिलकर टाॅप एन0आई0टी0 ग्रेड के स्थान पर पहुॅचायेंगे।

उन्होंने कहा कि अभी जिस तरह से आपलोगों ने शपथ लिया है, इसके लिये आप सभी लोगों को बधाई देता हूॅ। इस शपथ में जिन बातों का समावेष किया गया है, वह गाॅधी जी के विचारों से मिलता-जुलता है। गाॅधी जी ने कहा था कि यह धरती लोगों की जरूरतों को पूरा कर सकता है, लालच को नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा के प्रति हमलोगों को सतर्क रहना चाहिये।

हम सभी को जरूरत के हिसाब से ही संसाधनों का उपयोग करना चाहिये। संसाधनों के दुरूपयेाग से बचना चाहिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि गाॅधी जी ने सात सामाजिक पापों की भी चर्चा की है, जिसे हमलोग सरकारी भवनों, स्कूलों में अंकित करवा रहे हैं। इसमें से दो पापों की चर्चा आपलोगों के सामने करना चाहता हूॅ। एक विवेक के बिना ज्ञान और दूसरा काम के बिना धन अर्जन है। इन सब बातों के प्रति आपलोग सचेत रहेंगे। गाॅधी जी के विचारों को अगर दस प्रतिषत लोग भी अपना लें तो यह समाज बदल जायेगा। उन्होंने छात्रों से आह्वान करते हुये कहा कि जिस तरह से अभी आपलोगों ने शपथ लिया है, उसी के अनुरूप आगे बढ़ते हुये आप खुद, एन0आई0टी0 एवं मुल्क को आगे बढ़ायेंगे।

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद, राज्यपाल श्री लालजी टंडन, मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार ने एन0आई0टी0 के 8वें दीक्षांत समारोह का उद्घाटन दीप प्रज्ज्वलित कर किया। राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने आठ छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल प्रदान कर सम्मानित किया। ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट एवं पी0एच0डी0 के 733 छात्र-छात्राआंे को सत्र 2017-18 के लिये डिग्री प्रदान कर सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति, राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को एन0आई0टी0 के निदेषक प्रो0 पी0के0 जैन ने स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया। इस अवसर पर देष की प्रथम महिला श्रीमती सविता कोविंद, एन0आई0टी0 पटना के निदेषक श्री पी0के0 जैन, संस्थान के अन्य षिक्षकगण, राज्य सरकार के वरीय पदाधिकारीगण तथा छात्र-छात्रायें एवं विषिष्टगण उपस्थित थे।

राज्यपाल श्री लालजी टंडन, मुख्यमंत्री श्री नीतीष कुमार सहित मंत्रीगण एवं वरीय पदाधिकारियों ने दिल्ली रवाना होने से पहले पटना हवाई अड्डे पर राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद को विदाई दी।

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