• July 25, 2017

ई-पत्र जो उत्तरप्रदेश की दिशा और दशा बदल दे-शैलेश कुमार

ई-पत्र जो उत्तरप्रदेश की दिशा और दशा बदल दे-शैलेश कुमार

शुभ प्रभात –पत्र उत्तरप्रदेश के नाम

जब भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव चुनाव संचालन प्रशांत कुमार को सौंपने कि बातें की, मैंने ई -पत्र से तगड़ा विरोध किया। जब कांग्रेस से संधि की मैंने उसी वक्त हार सुनिश्चित कर दिया। सम्पादकीय में लिखा –उत्तरप्रदेश में माया की माया सशक्त। सरकार -माया -बीजेपी, माया -सपा और कांग्रेस। बीजेपी को मुस्लिम वोट मिलने नहीं जा रहे। SHAI-IMAGE

कई ई -पत्र से बसपा के मायावती को सतर्क किया की आप सत्ता में आ रही है इसलिए आप विरोधाभाष बयानवाजी न करें। उसी तरह अखिलेख यादव को भी लिखा था की मुस्लिम राग छोड़ दे।यह हम हिन्दुओ को बिलकुल पसंद नहीं है।

लेकिन सिलबट्टा पर -मसाला ही पीसा जा सकता है। सिलबट्टा पर सिलबट्टा को रगड़ने से खड़खड़ की आवाज निकलती है। निकलेगी क्यों नहीं क्योंकि वह तो सिलबट्टा है।

गलत शासन और समस्या पैदा करने के बाबजूद भी ये लोग पूर्ण दृढ थे जैसे की कवि अरुण जैमनी ने कहा है :- एक बाप अपने बेटा को कूट रहा था। पडोसी ने पूछा क्या बात होग्गी ? बाप -आज मैं जा रहा हूँ , छो्रा का रिजल्ट कल निकलेगा,छोरा फेल होगा। इसलिए पीटकर जां सूँ।

मायावती और अखिलेश यादव – नरो न गजो। मायावती के चुनाव संचालक शायद श्री धर है क्योंकि इसी नाम से पार्टी समाचार मुझे मिल रहा है। एक बार मायावती के साथ बसपा निर्णायक का तस्वीर मुझे प्राप्त हुआ , तस्वीर देखते ही मैं उदास हो गया था क्योंकि यह तस्वीर परिपक्व नहीं था । यह सिर्फ –मुस्लिम -दलित के बाल्टी में डूबा दिखा । यही हालात मुलायम और अखिलेश यादव की है।

ये पार्टी कांग्रेस की सच्ची प्रतिलिपि है। कांग्रेस की नीति के कारण आज तक नेहरू छोड़ कर किसी ने भी विद्यालय की मुँह नहीं देखी है। देखेगा क्यों ,सारे पढ़ाई तो नेहरू ने कर ली। जरुरी है सभी को पढ़ना। खानदान या मानवजाति में कोई एक पढ़ ले। वही नेहरू की तरह कल्याण करेगा। अगर नेहरू के सिवाय कोई और पढे होते तो देश कि समस्या की नींव समाप्त हो जाती और संविधान से विवादास्पद धारा खत्म कर दिया जाता । काश कोई पढे होते !!!!

सभी देशवासी लिख लोढ़ा पत्थर है। पत्थर रहेगा क्यों नहीं ,नेहरू के नाम से खुले विद्यालय के गुरु भी गुरुघंटाल ही है तो शिष्य कैसा होगा । जब मुलायम सिंह, मायावती, लालूप्रसाद, राबड़ी देवी,राहुल गाँधी ही विद्वान् और होनहार है तो बड़े- बड़े कालेज खोल कर क्या होगा ? शकरकंद।

कवि सुरेश अल्वेला के शब्दों में —अरे छोरा तेरा नाम क्या है ? जबरन। जबरन का क्या मतलब -छोरा —मैं नशबंदी के बाद पैदा हुआ था।

ये कांग्रेस के जबरन संतान है।

यह सत्य है की जो स्थिति बीजेपी को लेकर उत्तरप्रदेश में हुई है वह आश्चर्यजनक नहीं है क्योंकि जागरूक और राष्ट्रवाद समर्थक जनता का सही निर्णय यही होता है लेकिन जिस पतित राजनीति में प्रदेश घिरा हुआ है वह निश्चय ही दिल दहला देने वाली घटना है। ओह ! माया तन से गयो ने मेरे मन से।

चुनाव में मुस्लिम वोट बीजेपी को प्राय: ही मिला है। सिर्फ शिया वर्ग ने ही वोट दिया है। सुन्नी वर्ग मुलायम, कांग्रेस और मायावती में बँट गया। यह कभी बीजेपी को वोट नहीं दे सकता। मुलायम तथा मायवती का मूसला-जड यही है।

जब मुलायम और मायावती का बिगड़ैल भाषण आने लगी तो मुझे काफी गुस्सा आया। मैंने बीजेपी को नीतियाँ बदलने की संकेत दिया। राष्ट्रीय अध्यक्ष को पत्र लिखा – बसपा बीजेपी के लिए अड़ंगा। बस ! यही से शुरू हुआ बसपा तोड़फोड़ की राजनीति।

इतना ही नहीं उत्तरप्रदेश भाजपा अध्यक्ष और सचिव को कड़े शब्दों में ई -पत्र लिखा। इस पत्र के बाद ही उत्तरप्रदेश के राजनीति में भू:गत परिवर्तन हुआ।

आने वाले आगामी चुनावी राज्य –गुजरात , मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ, राजस्थान और हिमाचलप्रदेश सत्ता से हाथ धोने जा रहा है। मैने आगाह कर दिया है , अब सतर्क होना उस सरकार का काम है जो सत्ता में है। अब सतर्क होना उस पार्टी का काम है जो सरकार चला रही है।

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